नई दिल्ली। हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए गए 11,500 करोड़ के पीएनबी घोटाले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई नीरव मोदी के संस्थानों पर लगातार छापेमारी कर रही। सीबीआई अब तक 11 अधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच के पूर्व जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि यह वहीं ब्रांच है जहां से देश के सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था। राजेश जिंदल अप्रैल 2009 से मई 2011 तक ब्रांच हेड थे। इससे पहले मंगलवार को सीबीआई ने मुकेश अंबानी के चचेरे भाई विपुल अंबानी को गिरफ्तार किया था। विपुल अंबानी, फायरस्टार इंटरनेशनल यानी नीरव मोदी की कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) हैं और कंपनी के वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी रखते हैं।

अब सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां राजेश जिंदल और विपुल अंबानी से पूछताछ कर रही है। सीबीआई ने नीरव मोदी की तीन कंपनियों में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कविता मानकीकर, फायरस्टार ग्रुप के सीनियर एक्जीक्यूटिव अर्जुन पाटिल, नक्षत्र ग्रुप के सीएफओ कपिल खंडेलवाल तथा गीतांजलि ग्रुप के प्रबंधक नितेन शाही को भी गिरफ्तार किया है। सोमवार को भी सीबीआई ने पीएनबी की मुंबई के ब्रैंडी हाउस ब्रांच को सील कर तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। ब्रैंडी हाउस ब्रांच से सीबीआई ने मुख्य प्रबंधक बेच्चू तिवारी, यशवंत जोशी और प्रफुल्ल सावंत को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने बैंक से 10 कंप्यूटर और बड़ी मात्रा में फाइल तथा अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में लिए. बेच्चू तिवारी पीएनबी की विदेशी मुद्रा सेवा विभाग के मुख्य प्रबंधक हैं। यशवंत जोशी भी इसी विभाग में स्केल-1 ऑफिसर तथा प्रफुल्ल सावंत इसी विभाग में सेल्स मैनेजर हैं। सीबीआई ने पीएनबी की डोंबिवली और अंधेरी ब्रांच में भी छापेमारी की और बड़ी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए। इससे पहले सीबीआई ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में बैंक के सेवानिवृत्त डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, एकल खिडक़ी संचालक मनोज खरात, और नीरव मोदी की कंपनियों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हेमंत भट को गिरफ्तार किया था।

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