ग्वालियर। मध्यप्रदेष के भिण्ड स्थित गल्लामण्डी पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों से सांठगांठ कर डाकघर के एजेंट ने खाताधारकों के 5 करोड से अधिक की राषि निकालकर डाकघर का एजेंट फरार हो गया है। करोडों रुपए लेकर फरार हुए डाकघर के एजेंट रमेष जैन ने अपने लडकों के नाम गुजरात के अहमदाबाद में बडा कारोबार षुरु किया है जिसमें करोडों रुपया लगाया गया है।
भिण्ड निवासी रमेष जैन जो चार पहिया ठेला लगाकर अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोशण करता था। 25 साल पहले उसने अपनी पत्नी श्रीमती बेवी जैन के नाम से डाकघर की एजेंसी लेकर षहर के दुकानदारों के डाकघर में रेंकरिंग खाते खोलकर उसमें रुपए जमा कराने षुरु किए। डाकघर के एजेंट के रुप में रमेष जैन के षहर में हजारों खाते खोलकर उसमें रुपए जमा कराए। कमीषन के तौर पर कमाए गए रुपयों से भिण्ड के देवनगर कालोनी में एक करोड की लागत से एक आलीषान मकान बनवाया। नोटबंदी के बाद रमेष जैन को लगा कि अब डाकघर का कारोबार नहीं चल पाएगा क्योंकि सभी खातों को आधार से लिंक करना पडेगा इसलिए अब व्यापारी अपने नए खाते नहीं खोलेगा। षत-प्रतिषत व्यापारी नम्बर दो में अपना पैसा डाकघर में जमा करते है। रमेष जैन को लगा कि अब उसका कारोबार ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा। इसलिए रमेष जैन ने खाताधारकों के साथ धोखाधडी कर गल्लामण्डी उप डाकघर के पोस्ट मास्टर से मिलकर खाताधारकों के खाते बंद कर उनकी करोडों रुपए की राषि निकालकर अपने दोनों लडकों दीपक जैन व मोनू जैन को अहमदाबाद भेज दिया और बडा कारोबार षुरु करा दिया। जब खाताधारकों की समय सीमा पूरी हो गई तो वह अपने भुगतान की राषि लेने एजेंट बेवी जैन के पति रमेष जैन के घर गए तो रमेष जैन पहले खाताधारक को गुमराह करते रहे कि अभी डाकघर में नई करेंसी नहीं आई है जैसे ही पैसे आते है भुगतान कर दिया जाएगा। एक साल से रमेष जैन खाताधारकों को गुमराह करते रहे। जब पैसा लेने वालों की भीड बढने लगी तो पता चला कि डाकघर के एजेंट बेवी जैन के पति ने करोडों रुपए का घपला कर खाताधारकों की राषि निकालकर खुद ही हडप ली है।
खाताधारक विकास जैन ने बताया कि उनके परिवार के चार लोगों के 13 हजार रुपए प्रतिमाह के खाते थे। 3 साल पूरे होने पर सभी खातों से पहले लोन ले लिया गया और उन खातों की समयावधि पास आते ही खाते ही बंद कर उनकी राषि खाते से निकाल ली गई। जब समय पूरा हुआ तो भुगतान लेने गए तो पता चला कि उनके खाते बंद कर राषि निकाल ली गई है। विकास जैन ने बताया कि उन जैसे सैकडों लोग है जिनके खाते बंद कर राषि निकाल ली गई है। फरार हुए डाकघर एजेंट बेवी जैन का पति भिण्ड में ही स्थानीय पुलिस कर्मचारी जो नौकरी के साथ-साथ सूदखोरी का कारोबार करता है उसके घर पर षरण लिए हुए है। इससे खाताधारकों का पुलिस पर भी भारी आक्रोष है।
च्ंाबल संभाग के डाकघर के अधीक्षक एसके पाण्डेय ने बताया कि भिण्ड के गल्लामण्डी स्थित डाकघर में करोडों का फर्जीवाडा हुआ है उसकी जांच के आदेष दिए गए है। जांच में जो भी दोशी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
करोडों रुपए लेकर फरार हुए डाकघर एजेंट बेवी जैन अपने पति रमेष जैन के साथ फरार हो जाने पर खाताधारकों ने प्रधान डाकघर पहुंच कर डाकघर के अधिकारियों का घेराव किया। प्रधान डाकघर के पोस्ट मास्टर भूरे सिंह सिकरवार ने आज यहां बताया कि गल्लामण्डी उप पोस्ट घर में पोस्ट मास्टर ने एजेंट बेवी जैन के साथ मिलकर खाताधारकों के खाते की राषि गलत तरीके से निकालकर रमेष जैन को दी है इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद संबंधित पोस्ट मास्टर के खिलाफ पुलिस में एफआईआर कराई जाएगी। जिन खाताधारकों की राषि निकाली गई है उनकी सूची बनाई जा रही हैं संभावना है यह घोटाला 5 करोड रुपए से अधिक का हो सकता है।
मध्यप्रदेष के भिण्ड के गल्लामण्डी स्थित उप डाकघर में हुए करोडों रुपए के फर्जी भुगतान का खुलासा होने के बाद डाक निरीक्षक अजय साहू ने आज डाकघर का रिकॉर्ड सील कर दिया है। डाक निरीक्षक अजय साहू ने बताया कि डाकघर के एजेंट बेवी जैन के पति रमेष जैन ने खाताधारकों के खाते से गल्लामण्डी उप डाकघर के पोस्ट मास्टर प्रमोद सिंह भदौरिया से मिलकर खाता धारकों के खातों से फर्जी तरीके से करोडों रुपए निकालकर लोगों को चूना लगा दिया है। डाकघर एजेंट बेवी अपने पति रमेष जैन मय परिवार के फरार है। फर्जी भुगतान की जांच के लिए गल्लामण्डी उप डाकघर का सारा रिकॉर्ड सील कर कागजातों को जप्त किया गया हैं।डाकघर निरीक्षक अजय साहू ने बताया कि गल्लामण्डी डाकघर के पोस्ट मास्टर अजयप्रताप सिंह भदौरिया व हाउसिंग कालोनी डाकघर के पोस्ट मास्टर प्रमोद सिंह भदौरिया जांच के दौरान फर्जीवाडे में प्रथम दृश्टया दोशी पाए गए है। इन दोनों के निलंबन की कार्यवाही प्रस्ताबित की गई हैं।
डाकघर में यह कोई पहला घोटाला नहीं है इससे पहले भिण्ड एसएएफ बटालियन में स्थित उप डाकघर में 3 साल पहले करोडों रुपए का घोटाला पकडा गया था। इस घोटाले की सीबीआई जांच में हुई लेकिन उस मामले में कुछ नहीं हुआ। 3 कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के बाद मामला बंद कर दिया गया।

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