ग्वालियर। उत्थान पतन के निकट दौर में खंगार समाज ने अपने जातीय स्मृतियों परम्पराओं को हमेशा ही संचित करके रखा और यही इस समाज का सर्वाधिक चमकदार और उल्लेखनीय पहलू है। खंगार जाति के शौर्य, त्याग और बलिदान के प्रमाण मदनपुर की बारादरी में लगे शिलालेखों, जूनागढ गिरनार के मंदिरों में लगे बीजकों एंव गढकुण्डार में स्थित किले के रूप में आज भी विद्यमान है। अखिल भारतीय खांगार क्षत्रिय समाज मध्यप्रदेश खुरई के द्वारा महाराजा खेत सिंह खंगार राज्यारोहण के अवसर पर आयोजित परिचय एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रदेश के गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने उपरोक्त विचार प्रकट किये।
उन्होंने समाज बंधुओं को संदेश देते हुये कहा कि समाज में व्याप्स आपसी वैमनस्य के जहर को मिटाना होगाा, दुव्र्यसनों कुरीतियों को दूर करना होगा तथा अपने बच्चों को शिक्षित करना होगा। संगठित होकर संघर्ष करना होगा, तभी समाज का विकास हागा। उन्होंने समाज को जागरूक कर देश की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निकट भविष्य में खुरई में खंगार समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने की घोषणा की। महाराजा खेत सिंह खंगार की स्मृति को चिरस्थाई बनाये रखने के लिये खुरई बीना खिमलासा गढकुण्डार में खेत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने एवं सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा भी की। कार्यक्रम की अध्यक्षता इन्द्रकुमार राय ने की। मंच संचालन रामनारायण राय मेवली एवं आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय संरक्षक कमलेश राय ने प्रकट किया। कार्यक्रम में पंचम सिंह, रामनारायण सिंह, रूप सिंह, गोपाल सिंह, राममनोहर सिंह, अशोक सिंह, नंदकिशोर सिंह, प्रहलाद सिंह, बलराम सिंह, भगवान सिंह, जालिम सिंह, अवधेश सिंह, दिनेश सिंह, नंदकिशोर सिंह, महेश सिंह, विजय सिंह सहित समाजबंधु उपस्थित थे।

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