पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के जिम्मेदारी लेने पर भारत ने जिस तरह से पाक में घुसकर जैश के शिविर उड़ाए और पड़ोसी की आतंकी पनाहगाहों पर वैश्विक दबाव बनाया, उसका असर पाकिस्तान में ही सनसनीखेज खुलासे के रूप में सामने आने लगा है। पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने हम टीवी के पत्रकार नदीम मलिक को एक साक्षात्कार में पाक की पोल खोलते हुए कहा, खुफिया एजेंसी आईएसआई और जैश-ए-मोहम्मद में गहरे रिश्ते हैं और उनके कार्यकाल में जैश द्वारा भारत पर हमले किए जाते रहे हैं।
विज्ञापन

मुशर्रफ ने जैश पर उनकी हत्या की कोशिश कराने का भी आरोप लगाया। हम टीवी से बात करते हुए मुशर्रफ ने कहा कि मैं हमेशा से जैश को आतंकी संगठन कहता आया हूं। उन्होंने स्वीकार किया कि जैश ने भारत के कई इलाकों में बम धमाके कराए थे। मुशर्रफ ने कहा, जैश ने मुझ पर भी फिदायीन हमला कराया था और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पाक सरकार इस संगठन के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है। यह कार्रवाई और पहले हो जानी चाहिए थी।

जब नदीम ने पूछा कि उस वक्त आप बेहद ताकतवर थे लेकिन आपने जैश पर कार्रवाई क्यों नहीं की तो मुशर्रफ ने कहा कि उस समय माहौल अलग था। पूर्व तानाशाह ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि उस वक्त भारत में धमाकों के लिए आईएसआई उसकी मदद लेती थी। उन्होंने लाचारी जताई कि 2003 में झंडा चीची इलाके में मेरे काफिले पर फिदायीन हमले के बाद मैंने आईएसआई को जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध के लिए दो बार कहा था लेकिन वे नहीं माने। बता दें कि इस हमले में मुशर्रफ बाल-बाल बचे थे।

वर्ष 1999 में तत्कालीन पाक प्रधानमंत्री का तख्तापलट करके मुशर्रफ ने सत्ता को हथिया लिया था। हालांकि, नौ साल बाद उन्हें भी सत्ता गंवानी पड़ी और पाकिस्तान से निर्वासन झेलना पड़ा। फिलहाल वह यूएई में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। दिसंबर 2003 में उन पर जैश-ए-मोहम्मद ने आत्मघाती हमला भी किया लेकिन वे बाल-बाल बच गए।

पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद के जिम्मेदारी लेने के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाक में मौजूद आतंकवाद को लेकर कूटनीतिक कोशिशें बढ़ा दीं। इसका असर यह हुआ कि पाक में बैठे जैश के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भारत का साथ निभाया। अमेरिका ने एफ-16 विमानों की भारत में घुसपैठ पर जांच भी शुरू कर दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *