वॉशिंगटन. भारतवंशी वेस्ले मैथ्यूज को गोद ली हुई 3 साल की बेटी की हत्या के मामले में बुधवार को डलास कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। वेस्ले मरने तक जेल में रहेगा। अमेरिका के टेक्सास राज्य प्रशासन ने हत्या के जुर्म में सोमवार को वेस्ले को दोषी करार दिया था। मैथ्यूज को 30 साल तक सजा काटने के बाद ही पैरोल मिल सकेगी। अमेरिका में रह रहे केरल निवासी मैथ्यूज और उसकी पत्नी सीनी ने 2016 में शेरिन को बिहार के मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम से गोद लिया था।

पुलिस के मुताबिक, वेस्ले ने 7 अक्टूबर 2017 की रात को दूध नहीं पीने की वजह से शेरिन को घर से निकाल दिया था। 15 दिन बाद शेरिन का शव डलास के उपनगर रिचर्ड्सन में एक पुलिया के नीचे मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह जानलेवा हिंसा बताई गई है। डलास काउंटी कोर्ट में मामला दर्ज किया गया था।

39 साल के वेस्ले ने पुलिस के सामने अपना बयान भी बदला था। उसने कहा था कि वह बच्ची को जबरन दूध पिला रहा था, तभी उसकी दम घुटने से मौत हो गई। इसके बाद वह काफी डर गया और उसने बच्ची के शव को एक बैग में रखकर घर के पास पुलिया पर फेंक दिया था। इस बयान पर कोर्ट ने कहा था कि मैथ्यूज झूठ बोल रहा है। दूध पीते समय दम घुटने से मौत नामुमकिन है।

शेरिन का शव मिलने के बाद वेस्ले और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसकी पत्नी के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर रिहा कर दिया गया। उनकी एक सगी बेटी भी है। वहीं, वेस्ले के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है। वे बस इसलिए दोषी घोषित हुए, क्योंकि उन्होंने इमरजेंसी नंबर 911 पर फोन नहीं किया।

पुलिस का कहना है कि अगर वेस्ले ने बैग में शव को पुलिया पर फेंका था, तो उसने जांचकर्ताओं को इस बारे में समय पर क्यों नहीं बताया? शेरिन के शव को कीड़ों ने खा लिया था। बच्ची के दांत भी नष्ट हो गए थे। डॉक्टरों को पोस्टमॉर्टम में भी काफी दिक्कतें आईं। उसकी मौत की असल वजह भी पता नहीं चल पाई थी। कोर्ट ने कहा कि वेस्ले ने न केवल अपराध किया बल्कि उसे छिपाया भी।

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