ग्वालियर । एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने कहा है कि पिछले दो वर्षों से पूरा रक्षा क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिये भी धन की कमी से जूझ रहा है। उन्होने यह भी कहा कि केन्द्र की सरकार द्वारा जहां भ्रष्टाचार रोकने के लिए कदम उठाये हैं ,लेकिन रक्षा विभाग के कुछ लोगों द्वारा उसमें भी छेद कर दिये हैं जिससे भ्रष्टाचार रूक नहीं पा रहा है। इसके लिए पदाधिकारियों ने अनेक बार मंत्री से लेकर अन्य लोगों से बात की सभी ने रिस्पांस तो ठीक दिया , लेकिन लालफीताशाही अपने अधिकारों का हनन मानते हुए उसमें लगातार कुछ ना कुछ रोडा अटका रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को एक नोडल आफीसर नियुक्त करना चाहिये जो ठेकेदारों की समस्याओं को सुने तथा सरकार और ठेकेदारों के बीच की कडी बनकर कार्य करे। उन्होने कहा कि एमईएस के ठेकेदार और उसके कर्मचारी एक बिना बर्दी वाले जवान की तरह काम करते हैं इतना ही नहीं सारे बुनियादी ढांचों को वह गुणवत्ता के साथ समय पर काम को अंजाम देते हैं।

एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनिल कपूर ने आज पत्रकारों को बताया कि केन्द्र सरकार ने सारा पैसा राफेल खरीदने पर कथित रूप से लगा दिया। लेकिन उसकी सुरक्षा के लिये बनाये जाने वाले हैंगर का बुनियादी कार्य रूक गया है , इतना ही नहीं होवेत्जर गन को रखने के लिये बुनियादी ढांचा तैयार करने के काम को हम समय पर पूरा करने के लिए संकल्पित है परंतु धन की कमी आडे आने से वह भी बंद पडा है।

उन्होने कहा कि एमईएस में काम करने वाले कांट्रेक्टर्स दो साल से फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है । हमने रक्षा मंत्रालय के सामने यह मामला उठाया ,लेकिन आशाजनक रिस्पॉन्स नहीं मिला । इसके चलते लगभग 2 हजार करोड़ का भुगतान ठेकेदारों का अटका हुआ है । हालात ये है कि राफेल आने को तैयार है ,लेकिन उनके लिए हैंगर बनाने को पैसा नही है नतीजतन करोडों और अरबों के राफेल आने के बाद हैंगर नहीं बनने से खुले में पडे रहेंगे ।

उन्होंने कहाकि अधिकारी ठेकेदारों के काम को और ज्यादा मुश्किल बनाते है । एमईएस बिल्डर्स के लिए रक्षा मंत्रालय एक नोडल ऑफिसर बनाये । इस मांग को लेकर पदाधिकारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे । इससे समय की भी बचत होगी और सरकार का धन भी बचेगा । उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार ने डीजीएसएंडडी विभाग को बन्द किया गया । इसे ऑनलाइन करके जेम गवर्मेंट ई पोर्टल बनाया लेकिन लोगो ने उसमें भी रास्ते निकाल लिये और इसके जरिये फडंस बदले जाने लगे । इसकी भी एक जांच रिपोर्ट एसोसिएशन ने सरकार को दी लेकिन वह भी धूल खा रही है।

पदाधिकारियों का कहना है कि एमईएस में पंजीकरण प्रक्रिया से नौकरशाही का दबाब हटाना चाहिए । हर पांच साल में नवीनीकरण से भ्रष्टाचार और उत्पीडऩ की आशंका रहती है । ज्ञातव्य है कि देशभर में एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ७४ ब्रांचें हैं और इसके साढे आठ हजार सदस्य है। एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के काम पूरे देशभर के रक्षा क्षेत्र से लेकर अन्य स्थानों जैसे चायना बार्डर, से लेकर सियाचिन , अंडमान निकोबार, बीकानेर जैसे क्षेत्र आदि में चलते रहते हैं।

इस मौके पर अजीजुल्लाह खान ,विनोद शर्मा,लखवीर सिंह,प्रवीण महाना,हरजोत सिंह , विजेंदर सिंह चौहान ,रवि गोलस,सुभाष भाटिया ,करण गोलस,देवेश शर्मा,अतुल अग्रवाल,अमित बेदी, प्यारे लाल बंजरिया ,जीतेश भंम्भानी,विकास शर्मा अरविंद सिंह भदौरिया पीआरओ आदि मौजूद थे ।

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