नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा में आने से रोकने के लिए प्रियंका गांधी के नाम का उपयोग किया गया था परंतु प्रियंका गांधी की टीम की ओर से क्लियर कर दिया गया है कि प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया के रास्ते में नहीं आएंगी। प्रियंका गांधी खुद चाहती है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके साथ राज्यसभा में हो। प्रियंका गांधी राजस्थान से राज्यसभा में आएंगी।
प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में फोकस करना चाहती हैं

बता दें कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच काफी अच्छी केमिस्ट्री है। तीनों अपनी यूनिट को कमजोर करना नहीं चाहते। प्रियंका गांधी वाड्रा को राजस्थान से राज्यसभा में लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी यही चाहते हैं। सचिन पायलट और राजस्थान कांग्रेस संगठन भी इसके पक्ष में है। हालांकि प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में ही कांग्रेस की जमीन तैयार करने में पूरा ताकत लगा देने के पक्ष में हैं।

बताते हैं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से कांग्रेस को राज्यसभा में आठ सीटें मिल सकती हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी भी संगठन के स्तर पर बड़ा भूचाल लाने के पक्ष में नहीं है। ज्योतिरादित्य के करीबी, उनके पिता माधवराव सिंधिया के जमाने से परिवार के शुभचिंतक का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सिंधिया का अच्छा रिश्ता है। ग्वालियर-चंबल संभाग समेत मध्यप्रदेश के अनेक इलाकों में ज्योतिरादित्य सिंधिया का खासा जनाधार है। यदि वह कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे, तो इसे संभाल पाना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन सिंधिया फिलहाल लक्ष्मण रेखा लांघने से बचना चाहते हैं। इसकी वजह कांग्रेस के प्रति निष्ठा और राहुल-प्रियंका के साथ दोस्ती के समीकरण हैं।

बताते हैं लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी प्रियंका गांधी अक्सर ज्योतिरादित्य सिंधिया के आवास पर जाकर चुनाव अभियान को धार देती रही हैं। सूत्र का कहना है कि मध्यप्रदेश में वरिष्ठ नेताओं के बीच में अपने राजनीतिक जमीन की लड़ाई है। दो बड़े नेता अपने वारिसों के लिए राजनीति में स्थापित करने के लिए षडयंत्र रच रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए तो दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन सिंह के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। इसके चक्कर में सिंधिया के साथ केमिस्ट्री बिगड़ रही है।

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