ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने समस्त अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया है कि निलंबित किए गए शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों को अपने कार्यालय में बैठने के लिए एक अलग से स्थान आरक्षित करें। सभी कर्मचारियों को लाइन से बिठाकर उनके फोटो खींचे और व्हाट्सएप करें।
जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश में लिखा है कि जिस स्थान पर निलंबित कर्मचारियों को बिठाया जाएगा उस स्थान की दीवार पर पेंट से स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले अक्षरों में निलंबित कर्मचारियों के बैठने का स्थानष् लिखें। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि यह आदेश कलेक्टर महोदय के आदेश के अनुसार जारी किया गया है। कलेक्टर ग्वालियर अनुराग चौधरी ने कलेक्टर कार्यालय में भी ऐसा ही स्थान बनवा दिया है और दीवार पर लिखा है निलंबित कर्मचारियों के बैठने का स्ािान।
दरअसल कलेक्टर अनुराग चौधरी ने यह व्यवस्था इसलिए की है कि निलंबन के दौरान अधिकारी व कर्मचारी जहां उन्हें पदस्थ किया गया है वहां प्रतिदिन नहीं आते और कभी कभार आते भी है तो उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर चले जाते है
कलेक्टर अनुराग चौधरी का यह आदेश कर्मचारियों को अपमानित करने वाला माना जा रहा है। मध्य प्रदेश की शासन व्यवस्था में निलंबन कोई सजा नहीं होती बल्कि किसी मामले की जांच को प्रभावित होने से बचाने के लिए की गई एक व्यवस्था होती है। सवाल यह है कि जब निलंबन कोई सजा नहीं होती तो फिर निलंबित कर्मचारियों को इस तरह से दंडित किया जा रहा है।