भोपाल ! मध्य प्रदेश अब किसी के लिए अनजाना नहीं रहा है, अब तो यहां के विकास की चर्चा दुनियाभर में होने लगी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुबई से लौटने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री वहां के निवेशकों द्वारा मध्य प्रदेश में निवेश को लेकर दिखाए गए उत्साह से उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, दवा, हीरा, स्मार्ट सिटी और एअर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में निवेश के लिए वहां के निवेशक उत्सुक हंै। यह निवेशक अक्टूबर में इंदौर में होने वाले निवेशक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इससे पूर्व भी दुबई से हुए प्रतिनिधि प्रदेश आकर निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
श्री चौहान ने अपने प्रवास के दौरान वहां के विभिन्न संगठनों व कारोबार से जुड़े उद्योगपतियों से समूह व एक-एक कर चर्चा की। चौहान ने वहां की स्मार्ट सिटी का भी भ्रमण किया, उसे जाना और समझा भी। निवेशकों ने इदौर में अक्टूबर में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भी आने पर सहमति जताई है। विदेशी मेहमानों का एक दल सितम्बर में आ रहा है। श्री चौहान ने बताया कि दुबई में निजी बैंक कम ब्याज पर कर्ज देते है, ये बैंक मध्य प्रदेश में आना चाहते है, यह कैसे संभव है इसके लिए भी वे प्रयास करेंगे। यह बैंक राज्य के अधोसंरचना विकास में अपनी हिस्सेदारी निभाने के इच्छुक है। राज्य में औद्योगिकीकरण की दिशा में चल रहे प्रयासों से खेती के कारोबार पर असर पडऩे की आशंकाएं बनी हुई हैं, क्योंकि उद्योगों के लिए जमीन की जरूरत है। इस आशंका से जुड़े सवाल पर चौहान ने साफ किया कि किसान से जमीन जबरिया नहीं ली जाएगी। सरकार ने 20 हजार हेक्टेयर का भूमि बैंक बनाया है, इसी में से उद्योग के लिए भूमि दी जाएगी। किसान अगर खुशी से देने तैयार होगा तभी उससे भूमि ली जाएगी।
यह भी बोले मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश में यह वर्ष एअर कनेक्टिविटी वर्ष होगा। इस दौरान हवाई सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।
इंदौर से दुबई और इंदौर से शारजहां के बीच हवाई सेवा का प्रस्ताव।
भोपाल के पास एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने की योजना।
अक्टूबर में इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 6 देश पार्टनर होंगे। इनमें ऑस्ट्रेलिया, यूके, आस्ट्रिया, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको और कनाडा शामिल हैं।
सप्ताह भर में सुधरेगी बिजली आपूर्ति
प्रदेश में बिजली की कमी से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, कि सप्ताह भर में बिजली की आपूर्ति सुधर जाएगी। उन्होंने बताया, कि राज्य में बिजली की अनुपलब्धता की वजह मांग और उपलब्धता में अंतर है। पिछले साल इस समय चार हजार मेगावाट बिजली की जरूरत थी, इसी को ध्यान में रखकर इस वर्ष छह हजार मेगावाट बिजली का प्रबंध किया गया, मगर खेती कार्य के लिए बिजली की मांग बढ़ी। इस समय सात हजार मेगावाट बिजली की जरूरत है, जिसके चलते बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। चौहान ने कहा कि राज्य के निवासियों को भरपूर बिजली मिले इसके लिए सरकार ने पहल की है। आगामी एक सप्ताह के भीतर राज्य में आठ हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध होगी, लिहाजा किसी को बिजली के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने आज दुबई से लौटने के तुरंत बाद प्रदेश में बिजली की स्थिति को लेकर बैठक की, जिसमें ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, मुख्य सचिव एंटोनी डिसा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस, सचिव एस के मिश्रा और विद्युत विभाग के प्रमुख सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान भी उपस्थित थे।
बड़ी संख्या में मिले प्रवासी भारतीय
दुबई यात्रा के दौरान पहले दिन एमिरेट्स ग्रुप के सीनियर डायरेक्टर अदनान काजिम से चर्चा हुई। वहीं विभिन्न आयोजनों में प्रवासी भारतीयों ने भी बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इनमें मल्टी कमोडिटी सेन्टर के सीओ गौतम शशित्ताल, डायरस के राहुल मोदी, डायक्का के रोमी मेहता और यश मेहता, डायमेक्स सोम के मिरीव शाह, सुपर ज्वलेस के राजेश मेहता, डायको के सुजाल, तरूण मेहता, मेसर्स सुरेश, रोजी ब्लू के दिलीप मेहता, पनीस एण्ड शाह एसोसिएट्स केि जयमिन पण्ड्या, प्रवीण, केपी संघवी, चिंरोन ग्रुप के आदित्य गांधी और अंशुल गांधी, गल्फ पेट्रोकेम्प के फिलिप्स आदि शामिल थे।

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