भोपाल प्रदेश के किसान बाँस के साथ अदरक, हल्दी, सफेद मूसली या इसी तरह की अन्य फसलों को साथ-साथ उगाकर 20 से 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं। कृषि वानिकी मॉडल के आधार पर बाँस के साथ अन्य कृषि फसलों को उगाया जा सकता है।

बाँस सभी तरह की मिट्टी जैसे दोमट, मुर्मीली, लैटरिटीक, लाल पीली, कंकरीली, पथरीली एवं काली मिट्टी आदि में आसानी से उगाया जा सकता है। मिट्टी में नमी होना आवश्यक है। बाँस को गाँव में घर के आसपास, खेत या खलिहान में, खेत की मेड़, पहाड़ी या पथरीली जमीन पर आसानी से उगाया जा सकता है।

बाँस की बहु-उपयोगिता को देखते हुए राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य मिशन और मध्यप्रदेश बाँस एवं बाँस शिल्प विकास बोर्ड का गठन किया गया है।

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