भोपाल मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को मेन्युफेक्चरिंग हब बनाने, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने, शहरी प्रबंधन और पर्यटन के क्षेत्र में सिंगापुर से सहयोग का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय में सिंगापुर के एमेरिटस सीनियर एडवाईजर तथा पूर्व प्रधानमंत्री श्री गोह चोक टोंग और उनके साथ आये 15 सदस्यीय प्रतिनिधि-मंडल से प्रदेश के विकास एवं विकास प्राथमिकताओं पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिंगापुर प्रदेश में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने तथा अधोसंरचना और योजना के संबंध में विशेषज्ञ सहायता कर सकता है। उन्होंने श्री टोंग का मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि उनकी इस यात्रा से मध्यप्रदेश से वैचारिक आदान-प्रदान होगा तथा मध्यप्रदेश को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

श्री टोंग द्वारा सिंगापुर के राष्ट्रीय दिवस पर रेखांकित की गई चार बातों नेतृत्व, सुशासन, जनता के बीच सामंजस्य और जनता तथा सरकार के बीच आत्मीयता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में इन चारों बात को लागू किया जा रहा है। सुशासन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये लोक सेवा गांरटी अधिनियम, सी.एम. हेल्पलाईन, ई-टेंडरिंग, ई-पेमेंट, ई-मेजरमेंट जैसे कदम उठाये गये हैं। श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में जनता के साथ संवाद स्थापित करने और सुझाव प्राप्त करने के लिये पंचायतें आयोजित की जाती हैं। योजनाओं का निर्माण लाभान्वित होने वाले संभावित हितग्राहियों के सुझावों के आधार पर किया जाता है। आज मध्यप्रदेश देश में सर्वाधिक विकास दर 11.08 प्रतिशत और सर्वाधिक कृषि विकास दर 24.99 प्रतिशत वाला प्रदेश है। प्रदेश में रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिये कौशल विकास तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना शुरू की गई है। प्रदेश में चार नये इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर और इण्डस्ट्रियल टाउन बनाने की योजना है। प्रदेश में पर्यटन विकास के क्षेत्र में भी काफी संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में निवेश की दृष्टि से सिंगापुर का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश से एक दल सिंगापुर भेजा जायेगा, जो प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विचार करेगा।

मध्यप्रदेश की प्रगति से प्रभावित हुए श्री टोंग

मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने प्रतिनिधि-मंडल के सामने मध्यप्रदेश में हुए विकास और भविष्य की प्राथमिकताओं और विकास रणनीतियों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कैसे मध्यप्रदेश ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अभूतपूर्व सफलताएँ हासिल की हैं।

मध्यप्रदेश द्वारा सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में हुई प्रगति और भविष्य की रणनीतियों से प्रभावित श्री टोंग ने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करना चुनौतीपूर्ण काम है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जापान और भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों को देखते हुए जापानी कंपनियों से मध्यप्रदेश में निवेश की अच्छी संभावनाएँ हैं। सिंगापुर इसमें उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है। जापान औद्योगिक विस्तार करना चाहता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को प्रतियोगी होने की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर निर्माण क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए अधिकाधिक युवाओं को जोड़ने पर ध्यान देना होगा।

श्री टोंग ने श्री चौहान से कहा कि वे विशेषज्ञों और उच्च-स्तरीय अधिकारियों का एक दल सिंगापुर भेंजे जिससे निवेश और विकास के क्षेत्रों में सहयोग में नई संभावनाएँ खोजी जा सकें। मुख्यमंत्री ने श्री टोंग के दीर्घ अनुभव और विशेषज्ञता को देखते हुए उनसे मध्यप्रदेश को मार्गदर्शन देने का आग्रह किया।

इस अवसर पर गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर, उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, लोक निर्माण मंत्री श्री सरताज सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजय नाथ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, सचिव श्री विवेक अग्रवाल एवं संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

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