भोपाल ! मध्यप्रदेश के विंध्य और बुंदेलखंड में बाढ़ द्वारा मचाई गई तबाही की हकीकत जानने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बाढ़ प्रभावित शहरी बस्तियों से लेकर गांव तक पहुंचे। उन्होंने रविवार को रीवा और पन्ना के कई गांव जाकर तबाही का मंजर देखा और प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है और हरसंभव मदद करेगी। रीवा, सतना और पन्ना में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। इन जिलों के लगभग डेढ़ सौ गांव बाढ़ की जद में हैं। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। चौहान ने प्रभावित बस्तियों, गांव व राहत शिविरों तक पहुंचकर कहा कि बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति को सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक-एक घर का सर्वे कर क्षति का आकलन कर सहायता राशि के साथ ही पुनर्वास सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाढ़ के दौरान किसी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये दिए जाएंगे। मकान पूर्णत: क्षतिग्रस्त होने पर 95 हजार रुपये और बाढ़ प्रभावित परिवार को 50 किलो गेहूं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ से गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रुपये, बछड़ा-बछड़ी की मृत्यु पर 10000 रुपये, सुअर की मृत्यु पर 3000 रुपये, मुर्गा-मुर्गी की मृत्यु पर 60 रुपये की सहायता संबंधित को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि झुग्गियों और दुकानों के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल सहायता के तौर पर 6000 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी-नालों के किनारे बसे व्यक्तियों को उनकी सहमति से सुरक्षित स्थान पर बसाने का भी कार्य किया जाएगा, जिससे उन्हें निचले इलाकों में आने वाली बाढ़ से होने वाले नुकसान से हमेशा के लिए निजात दिलवाई जा सके। मुख्यमंत्री रीवा में निपानिया, पदमधर कलोनी सहित अनेक बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
चौहान ने निर्देश दिए कि शहर में मलबा हटाकर व्यापक पैमाने पर सफाई कार्य किया जाए। ब्लीचिंग पाउडर और दवाई का छिड़काव किया जाए, ताकि बीमारी न फैले। मृत पशुओं को तत्काल उठवाने के निर्देश दिए। वे त्यौंथर और जवा भी गए और राहत-पुनर्वास कार्यो का अवलोकन किया।

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