भोपाल ! मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कुपोषण से 116 बच्चों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है और राज्य के मुख्य सचिव से चार सप्ताह के भतीर जवाब मांगा। मानवाधिकार आयोग ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। खबरों के आधार पर आयोग ने कहा कि कथित तौर पर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वीकार किया है कि बीते पांच माह में श्योपुर जिले के तीन विकासखंडों में 116 बच्चों की मौत हुई। तीन पोषण और पुनर्वास केंद्रों में भारी भीड़ है, पर चिकित्सकों और सुविधाओं का अभाव चिंताजनक है। आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल नहीं होना और उनका कुपोषित होना मानवाधिकार का उल्लंघन है। स्तनपान करने वाली महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक तथा संतुलित आहार उपलब्ध कराना राज्य सरकार का कर्तव्य है। इसके लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। आयोग ने आगे कहा कि पुनर्वास केंद्रों में कई कुपोषित बच्चों को बिस्तर तक उपलब्ध नहीं हो रहे हैं और उन्हें मजबूरन जमीन पर सोना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, पीडि़त बच्चों को घंटों चिकित्सकों का इंतजार करना पड़ता है। आम नागरिकों तथा शिशुओं व छोटे बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है। मीडिया को दिए गए जिलाधिकारी के बयान का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि जिलाधिकारी ने उपचार के लिए दूसरे जिलों से चिकित्सकों को बुलाने की बात कही है। साथ ही बुनियादी सुविधाओं की कमी और भीड़भाड़ के कारण अस्पतालों में संक्रमण फैलने की आशंका जताई है। कुपोषण से हुई मौतों पर अपना पक्ष रखने के लिए आयोग ने मुख्य सचिव को चार सप्ताह का समय दिया है।

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