000000ग्वालियर। मध्यप्रदेश का भिण्ड जिला चिकित्सालय को शासन की कायाकल्प योजना के तहत हाल ही में प्रदेश में पहला स्थान मिलने से जिला प्रशासन व चिकित्सालय प्रबंधन को अपने आप पर गर्व है कि उन्होंने व स्टाफ ने कडी मेहनत कर यह गौरव हासिल किया है। जिला प्रशासन व चिकित्सालय प्रबंधन ने अब भिण्ड अस्पताल को प्रदेश का पहला वातानुकूलित अस्पताल बनाने का वीणा उठाया है। जिला कलेक्टर इलैया राजा टी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं. जेपीएस कुशवाह ने इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली है।
भिण्ड जिला चिकित्सालय को वातानुकूलित कराने के लिए रोगी कल्याण समिति के खजाने में आय बढाने के लिए स्वैच्छिक दान अभियान चलाया जाएगा। दान में जमा हुई राशि से अस्पताल के वार्डों को वातानुकूलित कराए जाने की प्रक्रिया चलाई जाएगी। मई-जून में पडने वाली भीषण गर्मी और क्षमता से अधिक अस्पताल में भर्ती होते रोगियों को गर्मी से जुझना पडता है। इस बार रोगियों को गर्मी से नहीं जूझना पडेगा। चिकित्सालय प्रबंधन ने इस प्रोजेक्ट को कूल-कूल नाम दिया है। योजना में चिकित्सालय के वे वार्ड हैं जो क्रिटिकल श्रेणी में आते है। वहां प्रथम चरण में उन्हें वातानुकूलित बनाया जाएगा। पहले चरण में ट्रोमा सेंटर, इमरजेंसी, सर्जरी, पोस्ट सर्जरी, शिशु वार्ड, आई वार्ड को वातानुकूलित बनाया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में एक दर्जन वार्डों में 2-2 एसी लगाए जाऐंगे। मदर वार्ड, आपरेशन थिएटर, ब्लड बैंक, सीजेरियन बर्न यूनिट, डायलिसिस वार्ड, आईसीयू वार्ड पहले से ही वातानुकूलित है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं. जेपीएस कुशवाह ने बताया कि भिण्ड के जिला चिकित्सालय में 300 वार्ड है। गर्मी में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या 500 तक पहुंच जाती है। भर्ती रोगियों की भारी भीड पंखे व कूलर भी उन्हें गर्मी से राहत नहीं पाते है। भीषण गर्मी के कारण रोगी ज्यादा दिन में ठीक हो पाते है। जब पूरा जिला चिकित्सालय वातानुकूलित बन जाएगा तो रोगियों को गर्मी से राहत मिलेगी और मरीज भी जल्दी ठीक होगा।

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