ग्वालियर। भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बीएसएफ वास्तव मेंं देश ही नहीं विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में गुरेज नहीं है कि सीमा सुरक्षा बल सीमा आज अग्रणी होकर देश की रक्षा ही नहीं कर रहा इसे मैं पहली सुरक्षा दीवार मानता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देश द्वारा लगातार सीज फायर का उल्लंघन करता रहा है। इसके लिए मैंने बीएसएफ से कहा है कि पहली गोली नहीं चलाना , दूसरी तरफ से (पाकिस्तान की ओर से)गोली चले तो फैसला वहीं पर करना।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में सहायक कमांडेंट सीधी भर्ती बैच क्रमांक ४० एवं सहायक कमांडेंट विभागीय बैच १० की दीक्षांत परेड के बाद प्रशिक्षु अधिकारियों व गणमान्य नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीक्षांत का अपना महत्व होता है। दीक्षांत का मतलब संस्कार होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ज्ञान तो प्राप्त किया जा सकता है , लेकिन संस्कार दीक्षा से ही मिलता है। उन्होंने कहा कि संस्कारों का अपना महत्व होता है। उन्होंने एक विदेशी लेखक की किताब का हवाला देते हुए बताया कि इन्फोसिस और अलकायदा दोनों ने एक ही समय में अस्तित्व में आए। दोनों के पास युवा शक्ति है। इसमें से इन्फोसिस तो आज सृजनात्मक कार्य कर ऊंचाईयां पा रहा है वहीं अलकायदा विध्वंस के रूप में अपनी सोच फैला रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे बीएसएफ को देख गर्व होता है कि इन युवाओं में जज्बा है। उन्होंनें कहा कि कठिन परिस्थ्िितयों में बल के जवान और अधिकारी काम कर रहे हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बल के अधिकारियों और जवानों ने भारत की सुरक्षा में अपनी जान गंवाई है उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ देश की रक्षा के साथ ही माओवाद, उग्रवाद, लोकसभा और विधानसभा के चुनावों जैसी समस्याओं की भी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है। वहीं इंडो पाक सीमा , इंडो बांग्ला सीमा पर हर परिस्थिति में बेहतर परिणाम प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंनें कहा कि केन्द्र सरकार इंडो पाक और इंडो बांग्ला सीमा के लिए नया रोडमेप लेकर आई है। भारत पाक सीमा पर जहां तार बंदी नहीं की जा सकती वहां पर तकनीकी सहायता से घुसपैठ को रोकने का प्रयास करेंगे। वहीं भारत -बांग्लादेश सीमा पर पहाडी क्षेत्र नदी जहां पर तार बंदी नहीं की जा सकती वहां पर भी तकनीकी पद्धति अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में उन्होंने चार पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है जिसमें से ७३ बीओपी (बार्डर आउट पोस्ट)का निर्माण किया गया है जिसमें से ३८ बांग्लादेश सीमा पर तथा ३५ पाकिस्तान सीमा पर हैं। उन्होंने बताया कि समय समय पर बल के अधिकारियों से वह चर्चा करके कठिनाईयों से अवगत होते हैं। उनका समाधान भी करते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सीमा पर थ्री लेयर सुरक्षा है जिसमें पहली बीएसएफ, दूसरी इंटीलीजेंस तथा तीसरी स्थानीय पुलिस की है। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ ने कल्याण कार्य भी किए जा रहे हैं। पडोसी देशों से बातचीत का जिम्मा भी पहले बीएसएफ के पास ही रहता हैं। इसे यह कहें कि बहुआयामी दायित्व का निर्वाह बीएसएफ कर रही है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने दीक्षांत परेड को लीड कर रहीं पहली महिला फील्ड अधिकारी तनुश्री पारिख को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी अब बखूबी मैदानी काम को सम्हाल रहीं हैं। तनुश्री भी सीधी परीक्षा देकर बल में शामिल होने वाली पहली अधिकारी हैं।
इस अवसर पर स्वागत भाषण बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा, अकादमी निदेशक एसके वर्मा, सहित अन्य अधिकारी एवं जवान मौजूद थे। इस अवसर पर पास आउट होने वाले उत्कृष्ट प्रशिक्षुओं अश्विनी कुमार ट्रॉफी फॉर बेस्ट स्पोस्र्टसमैन अर्पित चौधरी को डायरेक्टर ट्रॉफी फॉर बेस्ट शॉट आशीष रंजन को , होम मिनिस्टर ट्रॉफी फॉर बेस्ट आउटडोर सबजेक्टस टोखये जेड वोस्टा को विभागीय परीक्षा पास कर अधिकारी बनने वाले अभिजीत आनंद को स्वोर्ड ऑफ ऑनर फार आल राउण्ड बेस्ट ट्रेनी,होम मिनिस्टर ट्रॉफी फॉर बेस्ट आउटडोर सबजेक्टस डायरेक्टर बैटन फॉर द बेस्ट इन ड्रिल कु. तनुश्री पारिख को तथा स्वोर्ड ऑफ ऑनर फॉर आल राउण्ड बेस्ट टेनी रवि प्रकाश को प्रदान किया गया।

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