भोपाल ! प्रदेश में इन दिनों मासूम बेटियां ही नहीं सिसक रही हैं, बल्कि महिलाएं भी आबरू लूटने की शिकायत लेकर साढ़े 5 सौ किलोमीटर की दूरी तय कर राजधानी पहुंच रही हंै।
ऐसी ही सोहरवा गांव (थाना जनेह) जिला रीवा की एक पीडि़ता जख्मी हालत में अपने जख्मी पति व भाई के साथ मुख्यमंत्री आवास शिकायत लेकर पहुॅची। महिला का आरोप है, कि उनके साथ लगभग 6 आरोपियों ने मारपीट के बाद दुष्कर्म किया। संबंधित थाने से किसी भी प्रकार की मदद न मिलने के कारण उसे न्याय के लिए भोपाल आना पड़ा। पीडि़ता का कहना है, कि आरोपियों में से एक दरोगा का बेटा है, इसलिए पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री आवास से पीडि़ता को महिला आयोग भेज दिया गया, जहां संयुक्त बैंच के सामने वह पेश हुईं। आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने इस प्रकरण पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस अधिकारियों को फोन लगाया और शून्य प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिये साथ ही 108 एम्बुलेंस मंगवाकर पीडि़ता को हमीदिया अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया।
आयोग के समक्ष एक अन्य प्रकरण में भी एक महिला ने भोपाल जिले के बैरसिया थाने (भोपाल )के आरक्षक विजय सिंह सेंगर और उप निरीक्षक फूल सिंह वर्मा पर गाली-गलौच का आरोप लगाया। पीडि़ता ने बतायाा, कि लगभग डेढ़ साल पहले वह अपने घर पर चोरी गई पानी के पाईपों की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुॅची थी, लेकिन पुलिस ने आरोपियों से मिलकर मामले को रफा-दफा कर दिया। पीडि़ता समूह चलाती हैं और कुछ दिनों बाद जब वह पंचायत अपने काम से पहुॅची तो वहां उन्हीं पुलिसकर्मियों से उसका सामना हो गया, वहां उसने अपने प्रकरण की जानकारी मांगी, तो श्री वर्मा और सेंगर ने न सिर्फ उससे गाली-गलौच की, बल्कि उसकी मदद करने वालों पर ही उल्टे प्रकरण दर्ज करवा दिया, पीडि़ता घटना के बाद ही न्याय के लिए राज्य महिला आयोग पहुंची थीं। लेकिन डेढ़ साल से आयोग न होने के चलते उसे इंतजार करना पड़ा। शुक्रवार को आयोग ने दोनों पक्षों को तलब किया था, जहां पीडि़ता ने अपनी आपबीती सुनाई और आयोग से न्याय की मांग की। आयोग के सामने सुनवाई के लिए 51 प्रकरण थे, इनमें कार्यस्थल प्रताडऩा, घरेलू हिंसा, दहेज आदि प्रमुख थे। संयुक्त बैंच में अध्यक्ष के अलावा सदस्य गंगा उईके और सह सदस्य प्रमोद दुबे मौजूद थे।