भोपाल ! कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा के अनुसार कृषि उपज की कीमत का भुगतान विक्रेता को उसी दिन मंडी प्रांगण में किया जाना अनिवार्य है। अधिनियम की इस मंशा के अनुरूप राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा अनेक नये निर्णय लिये गये हैं। इन निर्णयों से किसानों को कृषि उपज मंडियों में दैनिक कारोबार को करने में आसानी होगी। इन निर्णयों के अनुसार मंडियों में किसान द्वारा बेची गई कृषि उपज का नगद, आर.टी.जी.एस., बैंक ड्राफ्ट, बैंकर्स चेक या एकाउंट पेयी चेक के माध्यम से भुगतान प्राप्त किये जाने की सूचना जारी होगी, जिससे किसान भुगतान की प्रक्रिया का विकल्प चुन सके।
प्रदेश की 16 कपास मंडियों में समर्थन मूल्य पर कपास की खरीदी के लिये स्थापित केन्द्रों केन्द्रों को क्रियाशील एवं व्यवस्थित किया जायेगा। समर्थन मूल्य पर धान, मक्का की खरीदी की व्यवस्था का प्रचार-प्रसार पंचायत स्तर तक किया जायेगा। खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा केन्द्र सरकार की संस्था एस.एफ.ए.सी., नाफेड और भारतीय खाद्य निगम द्वारा समर्थन मूल्य पर मूँग की खरीदी तथा प्राइज स्टेबिलाइजेशन योजना में किया जा रहा है। इस व्यवस्था का विस्तार मूँग, उड़द एवं तुअर दाल आवक वाली मंडियों में किया जायेगा। फल-सब्जी मंडियों में किसानों को असुविधा न हो इसकी सतत् एवं निरंतर मॉनीटरिंग सचिव कृषि उपज मंडी समिति द्वारा की जायेगी। सचिव कृषि उपज मंडी समिति का यह व्यक्तिगत दायित्व होगा कि वह सुनिश्चित करेगा कि अकाउंट पेयी चेक से किसान को भुगतान करने वाले संबंधित लायसेंसी व्यापारी की क्रय क्षमता के अनुसार जीवित प्रतिभूति मंडी में जमा हो और संबंधित व्यापारी अपनी क्रय क्षमता से अधिक का क्रय मंडी में सम्पन्न न कर पाये।
सहकारिता विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा वेयर हाउस रसीद के माध्यम से किसानों को गोदाम में रखे उपज के विरूद्ध बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाने के प्रभावी प्रयास किये जाकर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। मंडियों में फल एवं सब्जियों का विक्रय करने आये किसानों को असुविधा न हो इसकी निरंतर मानिटरिंग मंडी समिति के सचिव द्वारा की जायेगी। मंडियों में उपलब्ध भण्डारण क्षमता का उपयोग वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के माध्यम से किया जायेगा। दिनांक 15 दिसम्बर 2016 तक किसानों को भण्डारण की नि:शुल्क सुविधा प्रदान करने के निर्देश जारी कर उनका भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

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