इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के देवास जिले के सोनकच्छ में पुष्पगिरि के लिए विहार कर रहे मुनिश्री प्रसन्नसागर महाराज की अगवानी खुद उनके गुरु आचार्य पुष्पदंतसागर ने की। मुनिश्री जब यहां पहुंचे तो आचार्यश्री पुष्पगिरि तीर्थ से नीचे उतरकर इंदौर-भोपाल हाईवे की सडक पर आ गए। वे प्रसन्न सागरजी का हाथ पकडकर वहां बने मंच पर लाए। जहां शिष्य ने अपने गुरु को देखा और रो पड़े। प्रसन्नसागरजी 14 वर्षों बाद 30वां चातुर्मास करने पुष्पगिरि पर आए हैं, जहां साढे चार साल बाद गुरु-शिष्य का मिलन हुआ है।