मुरैना। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन संपूर्ण भारत के ग्रामीण क्षेत्र में लाॅच किया गया है। यह मिशन भारत के संपूर्ण राज्यों के साथ मध्यप्रदेश भी शामिल है। इस मिशन के तहत वर्ष 2024 तक संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार (घर) को क्रियाशील घरेलू कनेक्शन के माध्यम से निरन्तर एवं पर्याप्त मात्रा में उचित गुणवत्ता का जल प्रदाय करना है। इस मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति को 55 एल.पी.सी.डी. जल प्रदाय करने का प्रावधान रखा है। श्री मलय श्रीवास्तव कमिश्नर चंबल संभाग के सभाकक्ष में एक चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश की कुल आवादी 7 करोड़ के लगभग है, जिसमें 2024 तक 1 करोड़ 20 लाख ग्रामीण लोंगो को नल कनेक्शन देना है। 15 अगस्त 2019 से लागू इस मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण घरों में अभी तक एक लाख 85 हजार कनेक्शन दिये जा चुके है। अगले वर्ष साढ़े 26 लाख कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इस मिशन को पूर्ण करने के लिये 50 प्रतिशत केन्द्र शासन और 50 प्रतिशत राज्य शासन राशि उपलब्ध करायेगी। मुरैना जिले के लिये इस योजना में 1 करोड़ 55 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति इस मिशन में दी गई है।
मलय श्रीवास्तव ने पाॅलीथिन के प्रतिबंध पर चर्चा करते हुये कहा कि बहुत लंबे समय से पॉलिथीन हमारे जीवन का हिस्सा बन गई है क्योंकि इसकी कम कॉस्ट पड़ती है और सुलभता रहती है यहां तक कि तरल पदार्थ जैसे चाय आदि को भरने के लिए भी पॉलीथिन का प्रयोग किया जाता है जोकि स्वास्थ्य के लिये बहुत नुकसानदायक है, समय-समय पर हमने स्थानीय निकायों को निर्देश जारी किए हैं और कलेक्टर ने भी इसके प्रतिबंध के लिये कार्यवाही की है। भारत शासन ने भी बीच में इसके संबंध में पहल शुरू की थी हमारे राज्य में कानून के तहत 50 माइक्रोन से नीचे की प्लास्टिक थैलियां प्रतिबंधित हैं और इंदौर में कार्यवाही भी हो चुकी है निश्चित तौर पर इसे और कढ़ाई से करने की आवश्यकता है लेकिन इसमें सेल्फ रिस्टैंट और जनता की जागरूकता जरूरी है यदि ग्रामीण स्तर पर, शहरी आजीविका के माध्यम से कागज की थैली बनाना शुरू करें उनके उपयोग के लिए लोगों को मोटिवेट करें तो निश्चित तौर पर इसका प्रभाव पड़ेगा।