ग्वालियर। केन्द्र सरकार द्वारा शुक्रवार रात बारह बजे से जीएसटी गुड्स एंड सर्विस टैक्स के विरोध में पूरे मध्यप्रदेश के साथ ग्वालियर के भी सभी बाजार बंद रहे। शुक्रवार को सुबह से ही दुकानों के शटर नहीं खुले। यहां तक कि कई बाजारों में फुटपाथ और सडकों पर लगने वाले बाजार के दुकानदार भी नदारत रहे। बंद का सार्वजनिक वाहन सेवा मेडीकल सेवा पर कोई असर नहीं रहा।
जीएसटी के विरोध में आज शुक्रवार को सुबह से ही बाजारों में बंद का असर दिखने लगा था। थोक वाले बाजार, दाल बाजार, लोहिया बाजार, सहित महाराज बाडा, नया बाजार सभी बंद रहे। बंद का आह्वान चेंबर ऑफ कॉमर्स ने किया था। जीएसटी के बंद का असर छोटे बाजारों पर दिखाई दिया। यहां तक कि स्ट्रीट और फुटपाथ पर लगने वाले ठेले भी बंद थे। बाजारों में केवल मजदूर और कर्मचारी दुकानों के बाहर बैठे दिखाई दिए।
व्यापारियों का कहना है कि वे देश में एक समान कर प्रणाली लागू होने के पक्ष में हैं, लेकिन इसके जटिल प्रावधानों और अनावश्यक कागजी कार्रवाई में चूक होने पर सजा व जेल जाने का प्रावधान है। इसलिए कारोबार कर जेल जाने से अच्छा है कि दुकानें बंद कर सडक़ों पर विरोध करें।
बंद के दौरान अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल थोक और रिटेल मेडिकल स्टोर खुले रखने का निर्णय लिया गया था। इसके कारण दवाओं की दुकानें खुली रहीं।
केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश अरोरा ने बतायाए हमें बंद के लिए 48 घंटे पहले प्रशासन से परमिशन लेनी पड़ती है जो कि नहीं ले पाए।
उधर कांग्रेस ने बंद का किया समर्थन किया है। पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी लागू होने से कारोबारी को नुकसान होगा। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और सोशलिस्ट यूनिटी ऑफ इंडिया ने भी बंद का समर्थन किया है।

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