भोपाल ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को सरकारी कॉलेजों में कोई फीस नहीं देनी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सतना जिले के मैहर में राज्य शासन द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती पर आयोजित महाकुंभ और राज्य-स्तरीय जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। तकनीकी और मेडिकल कॉलेजों मे पढऩे वाले विद्यार्थियों की फीस भी सरकार भरेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चयनित स्थानों पर संत रविदास श्रद्धा केंद्र स्थापित होंगे। इन केन्द्र में संतजी के साहित्य को रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने दो पुरस्कार की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के सफल उद्यमियों को 5 लाख रूपये का संत रविदास कर्मठ उद्यमी पुरस्कार दिया जायेगा। इसी तरह सभी वर्गों के लिये 2 लाख रूपये का सामाजिक समरसता पुरस्कार प्रारंभ करने की भी उन्होंने घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास की जयंती पर राज्य शासन द्वारा हर वर्ष महाकुम्भ का आयोजन किया जायेगा। प्रसिद्ध शारदा माता मंदिर की पहाड़ी के समीप संत रविदास आश्रम में संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया जायेगा और भक्त श्रद्धालुओं के लिये सर्वसुविधायुक्त सामुदायिक भवन आश्रय केन्द्र बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निराश, दलित और पीडि़त वर्ग में नव-जीवन, आशा और उत्साह भरने वाले संतों में, संत शिरोमणि रविदास अग्रणी हैं। उनकी शिक्षाएँ दिशाहीन मानव को उचित मार्ग बताने की पूरी सामर्थ्य रखती है। वे जाति-पांति, ऊँच-नीच की संकीर्ण विचारधारा को त्यागने के लिये समाज को प्रेरित करने वाले महान संत थे। मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण की शासकीय की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आगामी शिक्षण सत्र से अनुसूचित-जाति के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों में नि:शुल्क शिक्षा दी जायेगी। उनसे शिक्षण शुल्क नहीं लिया जायेगा।