भोपाल। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि हर मामले में राजनीति ठीक नहीं होती है। राजनीति करने के बहुत सारे अवसर हैं,ये आते जाते रहेंगे। इसे किसी धर्म, पूजा, इबादत से न जोड़ें। कोरोना अकेले भोपाल में नहीं है। मुरैना में जनता कर्फ्यू रहा, ग्वालियर में सात दिन लॉक डाउन लिया गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज में जनता कर्फ्यू लगा है और सख्ती की जा रही है। यह परिस्थितिजन्य है। किसी त्यौहार या जाति को देखकर बीमारी नहीं आती है। मंत्री मिश्रा ने ये बातें कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा लॉकडाउन का विरोध किए जाने के परिप्रेक्ष्य में कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए लोगों की जान पहली प्राथमिकता है, जान है तो जहान है, जान है तो त्यौहार है। सरकार का कोई कोटा नहीं है। सरकार जो कर रही है वह आम जन के लिए कर रही है।

पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा मतपत्र से चुनाव कराने के लिए पत्र लिखने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि यह हार के पहले की हताशा है। क्या इसके लिए 15 -16 हजार सील एकत्र करना चाहिए या फिर सुरक्षित तरीके से ईवीएम में वोटिंग का तरीका अपनाया जाना चाहिए।

मंत्री मिश्रा ने कहा कि आज उन्होंने इसको लेकर शहरकाजी और धर्मगुरुओं से बात की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसको लेकर धर्मगुरुओं से बात की है।  मंत्री अरविन्द भदौरिया के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद मंत्रालय सील किए जाने के मामले में उन्होंने कुछ नहीं कहा। मंत्री मिश्रा ने कहा कि एमपी में कोरोना का इलाज फ्री है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, इससे सतर्क रहने की जरूरत है।

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