जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के पाटन तहसील कार्यालय में आज नायब तहसीलदार व महिला पटवारी के लिए 18 हजार रुपए की रिश्वत ले रहे एक युवक महेन्द्र चढ़ार को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। महेन्द्र चढ़ार को लोकायुक्त की टीम के हत्थे चढ़ते देख महिला पटवारी ने भी मौके से दौड़ लगा दी। इस मामले में लोकायुक्त टीम ने नायब तहसीलदार गौरव पांडेय, पटवारी निशा चौधरी व महेन्द्र चढ़ार को आरोपी बनाया है।

इस संबंध में लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि ग्राम रयाना निवासी अनिल पिता रामकुमार पटैल उम्र 30 वर्ष ने अपनी पैतृक जमीन के बंटवारे के लिए आवेदन दिया था। जिस पर पटवारी सुश्री निशा चौधरी ने 18 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत नायब तहसीलदार गौरव पांडेय से की गई तो उन्होने भी अनिल पटैल से कह दिया कि मैडम निशा चौधरी जैसा कह रही है वहीं कर दे।

कुल मिलाकर रिश्वत लेने के लिए पूरी चैनल ही तैयार रही। अनिल पटैल ने इस बात की शिकायत लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा से की, यहां तक कि बातचीत के दौरान पटवारी निशा चौधरी ने कहा कि प्राइवेट आदमी है उसे रुपया दे देना। इसके बाद आज बुधवार को अपरान्ह 4 बजे के लगभग अनिल पटैल रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा तो निशा चौधरी ने बाहर निकलकर महेन्द्र चढ़ार की ओर इशारा कर दिया।

अनिल ने जैसे ही महेन्द्र चढ़ार को रिश्वत के 18 हजार रुपए दिए। तभी लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा, इंस्पेक्टर मंजू तिर्की, आरक्षक अमित गावड़े, शरद पाठक, राकेश विश्वकर्मा, महिला आरक्षक लक्ष्मी रजक ने घेराबंदी कर रंगे हाथ पकड़ लिया। महेन्द्र चढ़ार के पकड़े जाते ही पटवारी निशा चौधरी ने दौड़ लगा दी, देखते ही देखते तहसील कार्यालय परिसर में अफरातफरी मच गई थी। रिश्वत लेने के मामले का खुलासा होने पर कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हो गई। इस बीच लोकायुक्त टीम के अधिकारियों से विवाद की स्थिति भी निर्मित हो गई थी, लेकिन अधिकारियों ने कानूनी कार्यवाही का हवाला देते हुए सभी को शांत कर दिया।

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