इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में क्या कोई 17 साल की लड़की सिर्फ इसलिए अपने माता-पिता की हत्या करवा सकती है क्योंकि पिता ने उसे बॉयफ्रेंड के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था और घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी थी। पुलिस आरक्षक ज्योति प्रसाद शर्मा एवं उनकी पत्नी श्रीमती नीलम शर्मा की हत्या के मामले में यही कहानी सामने निकल कर आई है। बेटी की बेरहमी देखिए घर के अंदर बॉयफ्रेंड उसके माता-पिता की हत्या कर रहा था और लड़की घर के बाहर कुत्ते को लेकर घूम रही थी। शर्मा दंपति की चीखें सुनकर जब पड़ोसी बाहर आए तो उनकी बेटी ने यह कहकर सबको भ्रमित कर दिया कि वह दोनों आपस में लड़ रहे हैं।

इंदौर के एरोड्रम पुलिस थाना क्षेत्र के रुकमणी नगर में अपने माता-पिता से नाराज 17 साल की लड़की बॉयफ्रेंड से मोबाइल पर चैटिंग कर रही थी। इस चैटिंग में वह बातें नहीं हो रही थी जो इस उम्र के बच्चों के बीच होती है। लड़की अपने माता-पिता की हत्या की प्लानिंग कर रही थी। फुल प्रूफ प्लान तैयार करने के बाद लड़की ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। सुबह करीब 5 बजे लड़की पालतू कुत्ते को लेकर घर से बाहर निकली। ठीक इसी समय उसका बॉयफ्रेंड धनंजय और डीजे घर के अंदर दाखिल हो गया। लड़की ने घर के दरवाजे पर कुत्ते को बांधा और वापस अंदर चली गई। माता-पिता विरोध में ना कर पाए इसलिए बेटी ने दोनों को रात में ही बेहोशी की दवा खिला दी थी। लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ सबसे पहले अपनी मां पर हमला किया। धारदार हथियार बका से करीब 10 वार किए गए, मां की मौत हो गई। संघर्ष और मां की चीजें सुनकर पिता की नींद खुली। वह बचाने के लिए आगे बढ़े लेकिन बॉयफ्रेंड इसी मौके के लिए तैयार खड़ा था। उसने धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। पिता ने एक के बाद एक तीन बार आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन बॉयफ्रेंड ने उनका हाथ काट दिया। जब बॉयफ्रेंड और पिता के बीच संघर्ष चल रहा था तब लड़की तेजी से बाहर निकली और कुत्ते को घुमाने लगी। शोर सुनकर पड़ोसी बाहर आए, लड़की ने उन्हें बताया कि माता-पिता की भी लड़ाई हो रही है। पड़ोसी वापस घरों में चले गए। लड़की फिर से घर के अंदर पहुंची। बॉयफ्रेंड धनंजय के कहने पर लड़की ने एक चिट्ठी लिखी जिसमें अपने पिता पर रेप करने का आरोप लगाया। फिर दोनों एक्टिवा पर सवार होकर रतलाम के रास्ते राजस्थान की तरफ चले गए।

ज्योति प्रसाद शर्मा एवं श्रीमती नीलम शर्मा का बेटा घर के दूसरे हिस्से (बंटवारे के कारण घर दो भागों में बांट दिया था) में दादा दादी के साथ सो रहा था। सुबह उठकर जब अपने घर आया तो घर के बाहर ताला लगा था। खिड़की से झांक कर अंदर देखा तो माता-पिता की रक्तरंजित लाशें पड़ी हुई थी। इधर हत्या की वारदात को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद लड़की और उसका बॉयफ्रेंड बेधड़क रतलाम तक पहुंच गए थे। उनका प्लान सक्सेस हो चुका था। सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक पूरे 12 घंटे वह बेरोकटोक राजस्थान की तरफ बढ़ते जा रहे थे। सफलता के कारण थोड़ी लापरवाही आ गई और शाम 4 बजे लड़की ने अपना मोबाइल ऑन कर लिया। पुलिस को लोकेशन मिल गई है, घेराबंदी की गई और लड़की एवं उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर लिया गया।

शर्मा दंपत्ति का बेटा ऋषभ देहरादून में आर्मी स्कूल में नाना-नानी के पास पढ़ाई करता है। लॉकडाउन की वजह से वह इंदौर आया था। वह पास में ही दादा सेवानिवृत इंस्पेक्टर हरि प्रसाद शर्मा के यहां सोता था। इनकी चार बेटी और दो बेटे हैं। ज्योति बड़े थे। छोटा बेटा संजय इंजीनियर है, वह दिल्ली में रहता है।

पुलिस ने कैमरा खंगाला तो पता चला कि उसकी डीवीआर बंद है। बारीकी के जांचा तो एक कैलेंडर में कैमरे का पासवर्ड मिला। उसमें दिखा कि हत्या के पहले कैमरा बंद कर दिया गया था, लेकिन कैमरा बंद करने के पहले धनंजय उसमें कैद हो गया। इससे पुख्ता हो गया है कि उसने ही हत्या की है।

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