ग्वालियर। .देश भर में लड़कियों की सबसे कम संख्या वाले मध्यप्रदेश के चंबल और ग्वालियर संभाग इलाकों में शामिल शहर में एक अधिकारी ने बेटी बचाने का एक अनूठा उदाहरण पेश किया। अधिकारी ने पहली बेटी के जन्म लेने पर नवजात बेटी को अस्पताल से घर तक फूलों से सजी गाडि़यों में बड़ी शान से लेकर आए। यहां सारा परिवार गाजे-बाजे के साथ बेटी के स्वागत के लिए तैयार था। दादी ने पोती और उसकी मां की नजर उतार कर गृह प्रवेश कराया। इसके बाद परिवार ने नगाड़े की थाप डांस कर जश्न मनाय चंबल-ग्वालियर को कन्या भू्रण हत्या और जन्म लेने के बाद नवजात कन्या को मारने के लिए जाना जाता रहा है। इसी कुप्रथा की वजह से ये इलाका लड़कियां की सबसे कम संख्या वाले क्षेत्रों में शामिल है।
ग्वालियर में असिस्टेंट कॉमर्शियल टैक्स अधिकारी पवन भदकारिया ने बेटी बचाओ का संदेश देने के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश किया। पवन की पत्नी प्रियंका ने 14 नवंबर को ग्वालियर के कंपू स्थित एक निजी नर्सिंग होम में बेटी को जन्म दिया। पवन ने बेटी को नर्सिंग होम से घर ले जाने के लिए दो कारों को फूलों से सजाया। एक कार में मंाॅ- बेटी व पिता बैठे, जबकि दूसरी कार में परिवार के बाकी सदस्य। बेटी को लेकर कार जब घर पहुंची तो परिवार ने गाजे-बाजे के साथ उसका स्वागत किया।
इसके बाद दादी ने पोती और उसे जन्म देने वाली बहू की नजर उतार कर पूजा-अर्चना के साथ उनका गृहप्रवेश कराया। बाल दिवस के दिन घर में बेटी के आगमन से पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। उसी दिन नर्सिंग होम के साथ भदकारिया परिवार ने अपने निवास स्थान शांति विहार व रिश्तेदारों में मिठाई बांटकर खुशियां मनाईं।
बेटियों को लेकर अब चंबल-ग्वालियर में भी समाज को सोच बदल रही है। 2011 की जनगणना के मुताबिक ग्वालियर में 1 हजार लड़कों पर सिर्फ 840 लड़कियां ही थीं। सितंबर 2017 के आंकड़ों के मुताबिक 1 हजार लड़कों के मुकाबले 916 लड़कियां है। इसी प्रकार भिण्ड में एक हजार लडकों पर 940, मुरैना में 920 तथा श्योपुर में 880 लडकियां है। चंबल के भिण्ड में लडकियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।ृ
पहले लोगों की सोच होती थी कि उनके घर में पहली संतान लडका ही हो, कारण परिवार के बुजुर्गों का मानना होता था कि उन्हें पहली संतान के रुप में घर को वंशज बढाने वाला चाहिए। अगर पहली संतान लडकी होती थी तो जच्चा और बच्ची को परिवार वाले हीन भावना से देखते थे। लेकिन पवन भदकारिया व प्रियंका ने यह मैसेज देकर लोगों की सोच बदले के लिए मजबूर कर दिया है। की पवन भदकारिया व प्रियंका की शादी फरवरी 2016 में हुई थी। पवन ने बताया कि हम पति-पत्नी भगवान से यही दुआ करते थे कि हमें पहली संतान बेटी ही हो। पवन ने बेटी के जन्म का सपना देखते हुए शादी के बाद से ही मंदिरों में दुआ मांगना शुरू कर दिया था। बेटी के जन्म के बाद पवन ने बताया कि अब उसकी आंखों में बेटी के सुनहरे भविष्य के सपने बसने लगे हैं।