भिण्ड। जैन धर्म के चौबीसवे तीर्थकर भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव कार्यक्रम लश्कर रोड स्थित श्री महावीर कीर्तिस्तंभ जैन मंदिर परिसर मे प्रातः काल राष्ट्रसंत विहर्ष सागर महाराज, मुनि वीर सम्राट सागर महाराज, मुनि विहसंत सागर महाराज, मुनि विजयेश सागर महाराज के पावन सानिध्य मे बढी धूमधाम के साथ एक नाटक के मंचन के माध्यम से भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया भगवान के जन्म पर बालिकाओ ने नृत्य कर खुशी व्यक्त की।
इस अवसर पर राष्ट्रसंत मुनि श्री विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि इस वर्तमान युग के चौबीसवे तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी का आज जन्म दिन है। जिसे आज हम बढे ही हर्षोउल्लास के साथ मना रहे है। आज के दिन भगवान का जन्म हुआ था हमे भगवान के जन्म की खुशी मे हमे संकल्प लेना होगा कि ये पक्षी जो इस भीषण गर्मी पानी के लिए परेशान है उनको पानी पिलाने के लिए अपने-अपने घरो की छत पर मिट्टी का सकोरा मे पानी भरकर रखे दया धर्म का मूल गुण है। जो पशु-पंक्षियो पर दया करता है वही धर्म होता है दया ही धर्म का नाम है ऐसे पशु-पंक्षियो को दाना पानी पिलाते रहो जिससे भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव सार्थक हो जाये।
मुनि विहसंत सागर महाराज ने कहा कि हमारे जन्म मे और भगवान के जन्म मे जमीन आसमान का अंतर होता है आजकल इंटरनेट व्हाट्सएप का जमाना है सबको पता चल जाता है तब समय और था जब गर्भ मे भगवान आये तब विश्व मे शांति का माहौल हो गया था चारो तरफ खुशहाली छा गई थी। मुनि श्री ने कहा कि हिंदुस्तान मे जितने धर्म होगे लेकिन जैन दर्शन मे अहिंसा का महत्व अधिक दिया है। महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजाद कराया था इस नगरी मे भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक मनाने को मिला है।