भोपाल। उपचुनाव की तारीख का ऐलान होने के पहले भाजपा ने पार्टी की पूरी ताकत झोंकने के लिए सत्ता और संगठन में एक-एक व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करने का फैसला किया है। येनकेन भाजपा नेता सत्ता के जादुई आंकड़ा पाने की कोशिशों में जुटे हैं। इसको लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में सभी सांसदों और विधायकों को बुलाकर बताया गया कि चुनाव में किसकी क्या भूमिका होगी? इन सबसे अलग-अलग क्षेत्रों में दौरे करने के लिए उनके साथ टीम में शामिल किए गए कार्यकर्ताओं के बारे में भी बताया गया और समन्वय के जरिये कांग्रेस की हर चुनौती का जवाब देने के लिए कहा गया।
पार्टी ने साफ किया कि यह चुनाव न सिर्फ प्रदेश की तकदीर बदलने वाला है बल्कि प्रदेश संगठन की ताकत भी तय करने वाला है। इसलिए सभी को पूरी ताकत से चुनाव में जुटना है। प्रदेश के उपचुनाव वाले सभी 27 विधानसभा क्षेत्रों में मंत्रियों के साथ सांसदों और विधायकों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके अलावा संगठन अपने पूर्व मंत्रियों को भी इस काम में लगाएगा।
शिवराज सरकार के जनोपयोगी फैसलों को लेकर जो रिपोर्ट मिल रही है उसके विपरीत पार्टी का फोकस विधानसभा क्षेत्रों से मिलने वाले निगेटिव फीडबैक पर ज्यादा है। इन फीडबैक को आधार बनाकर संबंधित क्षेत्र में पार्टी डैमेज कंट्रोल की रणनीति पर काम करेगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चौहान ने कल मंत्रियों को डिनर देकर उनसे वन टू वन किया और सभी को एक-एक विधानसभा की जिम्मेदारी सौंपकर पूरी ताकत से वहां के नेताओं के साथ समन्वय बनाने के लिए जुटने को कहा है।
प्रदेश संगठन ने कई युवा विधायकों को उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पहले से तैनात कर रखा है। ये विधायक इन विधानसभा क्षेत्रों में जाकर न सिर्फ विधानसभा वार बैठकें कर रहे हैं बल्कि हर मंडल पदाधिकारियों से व्यक्तिगत मिलकर भी फीडबैक ले रहे हैं ताकि प्रदेश संगठन को कार्यकर्ता की भावना से अवगत कराया जा सके।
पार्टी का फोकस उन बड़े नेताओं और मंत्रियों की सीट पर ज्यादा है जहां कांग्रेस ज्यादा घेराबंदी कर रही है। यह सभी पार्टी द्वारा तैनात किए गए विधानसभा प्रभारी, संयोजक और संघ के विस्तारकों से संवाद कर पार्टी के बारे में फीडबैक लेते हैं। विधायक दिव्यराज सिंह, केपी त्रिपाठी कल चंबल संभाग के दौरे पर थे और वे वहां से आज सीधे पार्टी कार्यालय में बैठक के लिए पहुंचे।