ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। पूरे भिण्ड में जंगलराज कायम है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे भिण्ड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने भिण्ड जिले में खराब होती कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि हम विकास और अच्छे कामों में सरकार के साथ हैं। कानून व्यवस्था को लेकर जिस तरह के हालत बन रहे हैं उनको लेकर सरकार का विरोध करते हैं।

भिण्ड में अपराध चरम पर हैं। हत्या, अपहरण और दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इतनी ही नहीं अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी खुलेआम घूमते हैं और पुसिल कुछ नहीं करती। रविवार को भी एक दुष्कर्म के मामले में गवाह की सरेआम हत्या कर दी गई थी।
सोंमवार को मृतक के परिजनों के साथ विधायक धरने पर बैठे। विधायक संजीव सिंह ने धरना स्थल से ही चंबल संभाग के आईजी डीपी गुप्ता को फोन लगाया। विधायक ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हम आपका सहयोग कर रहे हैं, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकल रहा। भिण्ड की जनता अगर परेशान है तो ऐसी सरकार के शासन में हम उनके साथ नही हैं। मैं ऐसी सरकार के साथ नही रहना चाहता। जिस सरकार में कानून व्यवस्था ठीक न हो।

भिण्ड जिले की कानून व्यव्स्था बिगाडने में थाना प्रभारी व उच्च पदों पर विराजमान अधिकारियों की भूमिका अच्छी नहीं है। कहीं कोई घटना होती है तो तत्काल थाना प्रभारी मौके पर नहीं पहुचते न कोई अधिकारी पहुचता है। प्रधान आरक्षक या आरक्षक को भेज दिया जाता है। थाना प्रभारी कभी इलाके में भी नहीं जाते। सही बात तो ये है कि क्षेत्र की जनता थाने के थाना प्रभारी को जानती ही नहीं। भिण्ड जिले में अधिकांश थाना प्रभारी वो है तो पहले यहां पर पुलिस उपनिरीक्षक रह चुके है। जब उनका भिण्ड या संभाग से अन्य जगह तबादला कर दिया गया तो वह अपनी जुगाड लगाकर फिर भिण्ड वापस आ गए। उपनिरीक्षकों का प्रमोशन होकर टीआई बन गए फिर भी वह भिण्ड में ही अपनी सेवाएं दे रहे है। पुलिस के अधिकारी ऐसे थाना प्रभारियों पर ध्यान क्यों नहीं देते।

सही बात तो ये है कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिनके पास है वो ही अपराधियों को संरक्षण देते है। जब तक नए थाना प्रभारी भिण्ड नहीं आऐंगे कानून व्यवस्था सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। भिण्ड विधायक को ये मुद्दा भी उठाना चाहिए। वे कौन से कारण है बार-बार तबादला होने के बाद वही टीआई भिण्ड ही वापस लौटकर क्यों आते है। चंबल आई को बास्तव में कानून व्यवस्था की इतनी चिंता है तो नए थाना प्रभारी को थाने की कमान सौंप दे। सभी की अपनी-अपनी मजबूरी है। घटना स्थल पर भिण्ड विधायक पहुंच जाते है, पर पुलिस उनके बाद पहुंचती है। घटना स्थल पर पहुंचने की जिम्मेदरी क्या विधायक की है। विधायक का सरकार पर गुस्सा क्या कानून व्यवस्था को ठीक करा पाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *