रतलाम। लोकायुक्त पुलिस द्वारा एक छापामार कार्रवाई के दौरान रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए मत्स्य विभाग के प्रभारी सहायक संचालक बहादुर सिंह डामोर कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा करने लगे। रिश्वत लेने के बाद जैसे ही लोकायुक्त की टीम ने बहादुर सिंह को पकड़ा, अफसर ने कहा कि मैं दवाई पी लूंगा। तुम जैसे लोगों की वजह से अफसर बदनाम होते हैं।

लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि मत्स्य विभाग के प्रभारी सहायक संचालक बहादुर सिंह डामोर के खिलाफ शोभाराम धाकड़ (किसान) ने शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि तालाब का पट्टा कराने के लिए मत्स्य विभाग के प्रभारी बहादुर सिंह डामोर ने उससे 50 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। मध्यप्रदेश में शासकीय योजना के अनुसार मछली पालन के लिए शासन की ओर से 1 लाख 50 हजार रुपए का अनुदान मिलता है। पट्टा प्राप्त करने के बाद जब किसान शोभाराम धाकड़ ने प्रभारी सहायक संचालक बहादुर सिंह डामोर से अनुदान की कार्रवाई के लिए निवेदन किया तो आरोपी अधिकारी ने किसान से 25 हजार रुपए अतिरिक्त रिश्वत की मांग की। इसी बात से नाराज होकर किसान ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत कर दी।

रिश्वत मांगने से परेशान किसान ने शिकायत 5 दिन पहले 18 दिसंबर को उज्जैन पहुंचकर लोकायुक्त एसपी को की। वाइस रिकॉर्डर के बाद लोकायुक्त ने मंगलवार का दिन तय किया। दोपहर में लोकायुक्त की टीम होमगार्ड कॉलोनी स्थित दफ्तर पहुंची और घेराबंदी की। इसके बाद शोभाराम को अंदर जाने का इशारा किया। शोभाराम दफ्तर के अंदर पहुंचे तो अंदर कुछ लोग बैठे थे। इस पर बहादुर सिंह ने थोड़ी देर से आने को कहा। इसके बाद वे बाहर आ गए। जब अंदर बैठे कुछ लोग बाहर निकले तो बहादुरसिंह भी बाहर आ गए और फिर शोभाराम को लेकर वापस दफ्तर में घुस गए। यहां शोभाराम ने उन्हें 10 हजार रुपए दिए। शोभाराम से रुपए लेकर उन्होंने डायरी में रखे और डायरी दराज के अंदर रख ली। शोभाराम बाहर आने लगा तो वे भी साथ आ गए। बाहर आकर जैसी शोभाराम ने इशारा किया तो पड़ोस के गैराज में रिपेयरिंग के लिए आई कार में बैठे लोकायुक्त आरक्षक अनिल अटोलिया दौड़कर सहायक संचालक के पास पहुंचे और उन्हें दबोच लिया।

जैसे ही लोकायुक्त टीम ने प्रभारी सहायक संचालक को पकड़ा तो सहायक संचालक शोभाराम से बोला तुमने मुझे धोखा दिया है। मैं दवाई पी लूंगा। तुम्हारे जैसे लोगों के कारण अधिकारी बदनाम होते हैं। इस पर डीएसपी ने उन्हें चुप कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *