कानपुर। कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। विकास के एनकाउंटर के बाद सवाल उठ रहा है कि उसके साथ ही कई राज भी दफन हो गए? विकास दुबे 7 दिनों तक सिर्फ एक बैग के साथ यूपी की 50 टीमों और 6 राज्यों की पुलिस को चकमा देता रहा। दावा किया जा रहा था कि विकास दुबे को सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त था इसलिए वह इतने दिनों तक बचता रहा। विकास दुबे से पूछताछ के बाद कई राज खुलने का अनुमान लगाया जा रहा था।

विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान कई राज खुलने का दावा किया गया था। कहा जा रहा था कि कई सफेदपोश विकास के बयान के बाद बेनकाब होंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


सूत्रों की मानें तो विकास दुबे को राजनीति के अपराधीकरण के कई राज पता थे। वह इसी सरपरस्ती में इतनी बड़ी घटना करके बचता घूम रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई नेताओं और सफेदपोशों में चिंता थी।


आमतौर पर अपराधी कोई अपराध करने के बाद बच नहीं पाते हैं मगर विकास दुबे का इतिहास देखें तो वह कई गंभीर अपराध करने के बाद भी बचा हुआ था। उसने बीजेपी के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला समेत कई हत्याएं तक खुलेआम कीं लेकिन उसके खिलाफ कुछ नहीं हुआ।


कहा जाता है कि विकास के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाता था। अगर किसी तरह सबूत मिल भी जाए तो वह अपनी पकड़ से अपना नाम केस डायरी से हटवा लेता था।


घटना के बाद से बचता घूम रहा विकास दुबे जब पकड़ा गया तो कहा जा रहा था कि कई राज खुलेंगे और कई सवालों के जवाब मिलेंगे। सवाल थे कि विकास दुबे को कौन पुलिसवाले संरक्षण दे रहे थे? किन सत्ताधारियों का इसे संरक्षण था? किनकी मदद से यह लगातार गिरफ्त से बचता घूम रहा था?

बिना किसी गाड़ी, रुपये और जरूरी सामान के वह यूपी से हरियाणा और फिर वहां से मध्य प्रदेश पहुंचा। पूरी घटना सरेंडर की तरह प्लान की गई। विकास दुबे का एक पुराना वीडियो भी सामने आया था, इस वीडियो में उसे बीजेपी के दो विधायकों से संपर्क होने की बात कही थी। हालांकि जिन विधायकों से उसने नजदीकियों की बात कही थी, उन्होंने विकास से किसी भी तरह के संबंध होने की बात नकारी थी।

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