ग्वालियर। शहर में सात दिनों के लिए लगाए गए टोटल लॉकडाउन का आज आखिरी दिन है। कल से यह लॉकडाउन हटा दिया जाएगा, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने पर भी सख्ती कम नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्वालियर अभी भी हाई रिस्क जोन में ही है। हालांकि लॉकडाउन लगाए जाने से पहले कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी 15 प्रतिशत तक थी, जो लॉकडाउन के दौरान 7 प्रतिशत पर आ गई है। कोरोना संक्रमण के इसी ग्राफ को और कम करने के लिए अब मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सप्ताह में दो दिन का लॉकडाउन होगा।  अब हर रविवार को लॉकडाउन रहेगा। जबकि बुधवार से बाजार रात 8 बजे तक खुलेंगे। इसको लेकर आज जिला क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमण को कम करने के साथ-साथ निर्देश दिए है कि व्यवसाय प्रभावित न हो। इसके लिए बाजारों को सख्त नियमों के साथ खोला जाएगा, इसको लेकर क्राइसिस मैंनेजमेंट के सभी सदस्यों ने एक मत होकर रात 8 बजे तक बाजार खोलने पर अपनी राय जाहिर की है। वहीं सप्ताह में लगातार दो दिन के लॉकडाउन की जगह हर सप्ताह रविवार को लॉकडाउन लगाए जाने का फैसला लिया है।

  • भीड़ प्रबंधन: लॉकडाउन खत्म किए जाने पर जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिनौती भीड़ प्रबंधन की होगी। दरअसल जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को कर्फ्यू बताया गया था। आदेश में कहा गया था कि बिना कारण घर से निकले वालों पर कार्रवाई की जाएगी, बावजूद इसके कर्फ्यू जैसा नजारा बिल्कुल भी नजर नहीं आया। यहां तक की खुद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और एसपी नवनीत भसीन द्वारा सड़कों पर उतरकर स्थिति देखने के बाद भी लॉकडाउन(कर्फ्यू) का उलंघन लोग करते हुए साफ नजर आए। अब कल से अगर लॉकडाउन हटाया जाता है तो बाजार में बिना सोशल डिसटेंस के लगनी वाली भीड़ को रोकना पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ा टास्क होगी।
  • इलाज प्रबंधन: कोरोना पॉजीटिव पाए जाने वाले मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा देना भी प्रशासन के लिए बड़ा टास्क है। हालांकि  जिला प्रशासन ने सरकारी और निजी अस्पतालों में 1029 बैड तैयार किए हैं। इलाज के लिए अभी 534 बैड उपयोग किए जा रहे हैं। जबकि 495 बैड निजी अस्पतालों में उपयोग के लिए तैयार किए गए हैं। वहीं 550 बैड क्वारंटाइन सैंटर में तैयार किए गए हैं। इसके अलावा मेडीकल कॉलेज में भी एक हजार बैड तैयार करने कवायद में प्रशासन जुटा है।
  • कॉन्टेक्ट हिस्ट्री ट्रेस: कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को ट्रेस करना और उनकी मॉनीटरिंग कर गाइड लाइन के अनुसार क्वारेंटाइन करने से लेकर उनकी भी जांच कराए जाने की फुल मॉनीटरिंग भी जरूरी होगी।

कोरोना पॉजिटिव आया नगर निगम का एक आॅपरेटर फिर से बुखार आने पर भर्ती हुआ है। आॅपरेटर के मुताबिक पहले वह पॉजिटिव आया था। जयारोग्य अस्पताल में आइसोलेट के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर वह डिस्चार्ज हो गया। जबकि उसके दो दिन बार फिर कोरोना के लक्षण हुए तो वह जेएएच पहुंचा। यहां उसकी जांच के लिए सैंपल भेजा गया था जो कि गुम हो गया। इस कारण उसे कोरोना संदिग्ध होने के कारण अस्पताल में ही भर्ती रहना पड़ रहा है।

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