इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को एसएमएस व कॉल कर 50 लाख की प्रोटेक्शन मनी मांगने वाले आरोपी ने इंदौर कमिश्नर सहित कांग्रेस नेता और निगम अफसर से 25 लाख रुपए मांगना कबूला है। आरोपी की बहन नगर निगम के बगीचे में काम करती है। वह विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता के कार्यालय से नेताओं और अफसरों के नाम व नंबरों की सूची ले गई थी। आरोपी ने उसमें से फिरौती के लिए नामों का चुनाव किया। आरोपी ने रेस-2 फिल्म देखकर खुद का नाम गॉड फादर रखा था। वह जो मैसेज करता था, उसकी लाइन पर्ची पर लिखकर रख लेता था।
क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक, आरोपी का नाम राजरतन तायडे निवासी नर्मदा प्रोजेक्ट स्टोर आजाद नगर है। वह 12वीं तक पढा है और मार्शल आर्ट्स की क्लास चलाता है। पूछताछ में उसने कबूला कि वह रुपए वसूल कर अमीर बनना चाहता था। इसके लिए सात माह से तैयारी में जुटा था। बहन कांग्रेस नेता शेख अलीम का चुनाव कार्यालय संभालती थी। विधानसभा चुनाव के दौरान शेख पूर्व विधायक पटेल के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए थे। आरोपी ने बहन के बैग से एक सूची निकाली, जिसमें अफसर और नेताओं के नाम व नंबर लिखे थे। उसी से वह लोगों को धमकाने लगा।
आरोपी ने करीब 20 दिन पूर्व कांग्रेस नेता शेख अलीम को भी कॉल किया। उनसे कहा कि तेरी हत्या कर दूंगा। मैंने गोली मारने की फील्डिंग जमा ली है। शेख को लगा कोई ड्रग माफिया कॉल कर रहा है। उन्होंने उसे फटकारा और कहा तू कहां मिलेगा मेैं खुद ही आ जाता हूं। इसके बाद आरोपी ने मोबाइल बंद कर लिया। शेख ने क्राइम ब्रांच और साइबर सेल को शिकायत की।
आरोपी ने नगर निगम में पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारी उत्तम यादव को 25 जून को चार बार मैसेज और कॉल किया। उनसे भी 25 लाख रुपए प्रोटेक्शन मनी मांगी। उन्होंने भी आरोपी की बातों को गंभीरता से नहीं लिया। आरोपी ने कहा रुपए तैयार रखना वरना तीन दिन में गोली मार दूंगा। यादव ने लिखित शिकायत नहीं की लेकिन क्राइम ब्रांच को स्क्रीन शॉट्स भेजे थे।
आरोपी ने करीब तीन महीने पहले नर्मदा विकास प्राधिकरण में पदस्थ अफसर चौतन्य रघुवंशी को कॉल कर 25 लाख रुपए की मांग की। रघुवंशी को उसकी बातों पर शक हुआ और कहा रुपए नहीं दूंगा, पिटाई करूंगा। उन्होंने ट्रू कॉलर पर नंबर सर्च किया तो राजरतन तायडे का नाम आया। उन्होंने कर्मचारी से बात की और कहा कि यह व्यक्ति मुझे कॉल कर रहा है। कर्मचारी ने नाम देख कहा यह मेरा भतीजा है। उसने राजरतन को फटकार लगाई तो नंबर बंद कर लिया।
आरोपी ने कमिश्नर आकाश त्रिपाठी को भी कॉल किया। उन्हें भी मैसेज किए लेकिन कमिश्नर ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद आरोपी कुछ दिन तक चुप बैठ गया।
आखिरी में पूर्व विधायक पटेल को कॉल व मैसेज किए। पीए जगदीश जोशी ने पलटकर कॉल किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इसके बाद आरोपी ने दोबारा कॉल किया और कहा तुझे उठवा लूंगा। पीए प्रतीश राज ने कॉल किया और क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर रुपए देने के लिए बुलाया। उससे कहा कि बैठकर चर्चा कर लेते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ एडीजी वरुण कपूर व क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह को घटना बताई।
पूछताछ में आरोपी ने कबूला कि सात महीने पूर्व भंवरकुआं क्षेत्र में एक सिम पडी मिली थी। यह सिम ऑटो मोबाइल शोरूम के सीयूजी ग्रुप की है। उसने कोठारी मार्केट से एक मोबाइल खरीदा और उसके गुम होने की रिपोर्ट लिखवा दी। पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली तो ऐसे नंबर मिले जिन्हें वह पहले कॉल कर चुका था। इनसे आरोपी का सुराग मिला। लोकेशन निकाली तो उसके घर की मिली और दबिश देकर पकड लिया।