भोपाल ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों पांच दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। लेकिन मध्यप्रदेश की उन चार हस्तियों से अनजान हैं जिन्हें अमेरिका में खासी सोहरत हांसिल है, मुख्यमंत्री के घोषित अमेरिका कार्यक्रम में दौरान उनका इन हस्तियों से मिलने का कोई कार्यक्रम भी नहीं है। जबकि यह अपनी काबिलियत से न सिर्फ अमेरिका में ऊंचाईयों पर हैं। बल्कि देश और प्रदेश का नाम भी वे रोशन कर रहे हैं।
डॉ. सर्वज्ञ द्विवेदी (रायसेन), विनीत बुच (भोपाल) डॉ. अशोक कविश्वर और प्रकाश भालेराव (इन्दौर) से मुख्यमंत्री के मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है,जबकि ये चारों हस्तियाँ लम्बे समय से अमेरिका में अपनी योग्यता के दम पर दुनिया को आकर्षित कर रही हैं और ओबामा सरकार इनकी विशिष्टता और अनुभव का लाभ ले रही हंै। रायसेन से निकलकर डॉ. सर्वज्ञ द्धिवेदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपनी विशिष्ट शैली में उद्योग स्थापित कर चौका दिया। उन्होंने हालही में आऊट-स्टेडिंग इन्टरपेनियोर अवार्ड हासिल किया, क्योंकि उनकी कम्पनी महज 15 साल में 17 हजार करोड़ के टर्नओवर से कैलिर्फोनिया में विकसित हुई है। इन्हें अमेरिका में उद्योगों का आईकॅान माना जाता है। दूसरा नाम है विनीत बुच का,जिन्होंने भोपाल के केम्पियन स्कूल में शिक्षा प्राप्त की और बीते कुछ वर्षों में ही बिजनस की गूगल प्लेस्टोर’ जैसी नई विधा को दुनिया में मशहूर कर दिया। उनके प्रदर्शन सेे गूगल सर्च इंजिन नम्बर वन बना है। यह खुद उनके सीओ का कहना है।
इसी तरह के अद्धितीय व्यक्ति हैं डॉ. अशोक कविश्वर, जो इंदौर के बालविनय मंदिर और होल्कर कॉलेज से शिक्षित हैं। इन दिनों वे अमेरिकन सरकार के आधोसंरचना सलाहकार हैं। कविश्वर ने अमेरिका और वियतनाम,अमेरिका और चाइना के बीच शीतयुद्ध को खत्म कराया। वर्ष 2003 से 2008 के बीच इन्होंने अमेरिका में उद्योगों के लिये ऐतिहासिक कार्य किये जिसके लिये उन्हें वहाँ की सरकार ने कई अवार्ड से नवाजा। इनसे भी आज तक मुख्यमंत्री न कभी मिले और न जन्मभूमि मध्यप्रदेश के इन्वेस्टर्स समिट में याद किया। एक और व्यक्ति हैं प्रकाश भालेराव, जो इन्दौर के निवासी हैं और जीएसटीआईसे शिक्षित होकर सिलिकोनवेली में अपनी कम्पनी ऐलोपा नेटवर्क्स में आईटी के सिद्धहस्त हस्ताक्षर हैं। ये चार हस्तियां वे हैं जिनसे महाशक्ति अमेरिका न केवल लाभान्वित हो रही है बल्कि उनके ज्ञान और अनुभव का लाभ दुनिया को भी दिलवा रही है। जबकि उनके अपने गृह राज्य के मुख्यमंत्री पिछली आधा दर्जन इन्वेस्टर्स समिट में न कभी उन्हें बुला पाये और न कभी पिछले पांच बार के अमेरिका दौरे में इनसे मिलने पहुँचे। इसे क्या समझा जाए, यह उनकी उपेक्षा है या सरकार का अल्पज्ञान।

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