भोपाल। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या को लेकर सुनाए जाने वाले फैसले के मद्देनजर मध्यप्रदेश सरकार काफी एहतियात बरत रही है। सरकार ने मध्यप्रदेश में शनिवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की जनता से अमन-चैन, शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेशवासियों से इसी तरह की अपील की है। राज्य के सभी जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। असामाजिक तत्वों से कडाई से निपटने के पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।

राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव सुधीर कुमार कोचर द्वारा सभी जिलों के डीईओ को यह आदेश शनिवार देर रात जारी किया गया।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा हरिरंजन राव ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि मध्य प्रदेश के सभी शासकीय शालाओं की छुट्टी घोषित की गई है। वहीं प्रदेश भर में शराब दुकानें भी बंद रहेंगी। प्रमुख सचिव वाणिज्यकर मनु श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी है।

इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली से लौटते ही मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने कमिश्नर और कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कानून व्यवस्था को लेकर फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि बीस साल पहले जो व्यक्ति दंगा या आपराधिक मामलों में लिप्त था, उस पर नजर रखी जाए। ऐसे लोग माहौल खराब करने की परदे के पीछे कोशिश कर सकते हैं। पुलिस सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों में डीजल पूरा भरा रहे। बिजली, सडक, पानी, दवा सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति का पूरा इंतजाम रखा जाए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि जिलों में 144 धारा प्रभावी रहे। कानून व्यवस्था के मद्देनजर जरूरी ड्रिल हो। पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर रखा जाए। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाए। किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलने पाए, इसके लिए निगरानी तंत्र को चुस्त रखें। जरूरी सभी सामग्रियों का इंतजाम रहे।

उन्होंने कहा कि वाहनों में डीजल पूरा भराकर रखें। संवेदनशील इलाकों की बराबर निगरानी हो। ऐसे व्यक्ति, जो आदतन अपराधी हैं, उन पर कडी निगरानी रखी जाए। ऐसे व्यक्ति भले ही खुद कुछ न करें पर माहौल बिगाडने वालों की मदद कर सकते हैं। इस दौरान गृह सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बैठक के दौरान रतलाम कलेक्टर ने वाहनों पर बत्ती लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तहसीलदार से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारी मैदानी दौरे पर रहते हैं। इस दौरान वाहन पर बत्ती न होने से काफी तकलीफ होती है। उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार ने भी समर्थन करते हुए कहा कि कई मौकों पर प्राइवेट नंबर की गाडी का इस्तेमाल किया जाता है।

गनमैन साथ न हो तो जनता पहचान ही नहीं पाती है कि कोई अधिकारी पहुंचा है। इसकी वजह से परेशानी होती है। वहीं, अनूपपुर कलेक्टर ललित कुमार दाहिमा ने डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार की कमी की बात उठाई। सागर कलेक्टर ने वाहनों में पब्लिक स्पीकिंग सिस्टम लगाने की इजाजत मांगी। पहले तहसीलदार के वाहनों में यह लगा होता था। मुख्य सचिव ने इन सभी मुद्दों पर विचार करने की बात कही।

मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती शुक्रवार को सुबह दिल्ली से सीधे मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को कमिश्नर और कलेक्टरों की वीडियो कांफ्रेंस बारह बजे बुलाने के निर्देश दिए। आनन-फानन में सभी को संदेश किया गया। भोपाल कलेक्टर तरुण पिथौडे कार्यालय में नहीं थे, लिहाजा सूचना मिलने पर वे दौरे से वापस लौटे और बैठक में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को सभी कमिश्नर और कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बात करेंगे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री जनकल्याण कार्यक्रम में शिकायतों की सुनवाई करने के बाद अधिकारियों से कानून व्यवस्था को लेकर फीडबैक लिया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार देर शाम भाजपा कार्यालय पहुंचे। चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ अयोध्या राम जन्मभूमि पर आने वाले न्यायालय के फैसले को लेकर प्रदेशवासियों से अपील की है कि कोई भी पक्ष इस फैसले को अपनी जीत या हार के रूप में न देखे, जो भी फैसला हो उसे धैर्य और शांति के साथ स्वीकार करें।

चौहान ने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने वाला है। फैसला जो भी आए समाज का हर वर्ग फैसले को स्वीकार कर सम्मान करे। इसमें न हार, न जीत का सवाल है। प्रदेश में शांति और सदभावना बनी रहे। देश, प्रदेश हमारा है, इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि दभाव, स्नेह, आत्मीयता, सौहार्द और शांति बनी रहे। कोई भी ऐसी गतिविधि न हो जिसके कारण कहीं भी विद्वेष या वैमनस्य का भाव आए ।

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