भोपाल ! मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि बुधवार को सदन में जिस ताबड़तोड़ तरीके से विधानसभा में विधेयकों को पारित करने की कार्यवाही चली उससे आशंका है कि सरकार ने साजिश और षड़यंत्र रचकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न कराने का निर्णय ले लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में विपक्ष से इतनी भयभीत सरकार कभी नहीं देखी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री और संसदीय मंत्री विपक्ष पर हमेशा झूठा आरोप लगाते रहे हैं कि विपक्ष सदन चलने नहीं देता। जिसके कारण विधानसभा स्थगित करनी पड़ती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जबकि सच यह है कि विपक्ष कभी नहीं चाहेगा कि सदन निर्धारित अवधि से पहले स्थगित हो, क्योंकि उसके सामने यह एक ऐसा मंच होता है जहां वह सरकार के काले कारनामों को उजागर करने के साथ ही जन समस्याओं को उठाकर सरकार से जवाब मांगता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आठ जुलाई से 19 जुलाई तक विधानसभा चलने की अधिसूचना राज्यपाल महोदय द्वारा जारी की गई है, लेकिन 10 जुलाई की जो कार्यसूची बनाई गई है उसमें बारह विधेयक और साथ ही अनुपूरक बजट और पांच विधेयकों को पुन:स्थापित किया जाना भी शामिल हैं। एक ही दिन में इतना सारा कार्य लेने का मतलब है कि सरकार की मंशा और विधानसभा अध्यक्ष की नीयत में खोट है। वह सदन को 19 जुलाई तक चलाने की इच्छा नहीं रखती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से यह आग्रह किया कि 19 जुलाई तक जब सदन चलना है तो एक ही दिन में इतने सारे कामकाज क्यों निपटाए जा रहे हैं। आज जो विषय और विधेयक सदन मे अंदर लाए गए हैं वे महत्वपूर्ण हैं। उसमें विपक्ष के सदस्य अपने महत्वपूर्ण सुझाव और विधेयक की कमियों की ओर सरकार का ध्यान दिलाना चाहते थे, लेकिन जिस तरह कम समय में विधानसभा के अंदर कार्यवाही चलाई गई वह एक मिसाल कायम करती है और विपक्ष के अधिकारों का हनन भी करती है।
सिंह ने कहा कि सरकार ने बारह महत्वपूर्ण विधेयकों को 20 मिनट में ही पारित कर दिया। इसका विरोध करते हुए विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन भी किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की लोकतंत्र में न तो आस्था है न ही विपक्ष को सुनने की ताकत।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार कितनी भी साजिश और षड़यंत्र रच ले लेकिन प्रदेश की इस जन अदालत में उसे जवाब देना ही होगा। अविश्वास प्रस्ताव के आरोपों को वे दबा नहीं सकते, छुपा नहीं सकते।

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