भोपाल ! लोकायुक्त अदालत ने शनिवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी निलंबित डीआईजी जेल उमेश गांधी, को भाई अजय गांधी और पत्नी अर्चना समेत जेल भेजने के आदेश दिए। यह आदेश लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकायुक्त पुलिस ने 22 जनवरी को विशेष अदालत में सुनवाई के लिए गांधी दंपती और उनके भाई के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में चार हजार पन्नों का चालान पेश किया था। चालान में गांधी, उनकी पत्नी और भाई की कारगुजारियों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया था। इस मामले में यह तीनो शुक्रवार को अदालत पहुंचे थे, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर होने से अदालत में पेश हुए बिना ही लौट गए थे। शनिवार को यह तीनों फिर अदालत पहुंचे। यहां उनकी ओर से जमानत अर्जी पेश की गई। सुनवाई के दौरान उमेश गांधी ने जज को बताया कि लंबे वक्त से वे कैंसर से जुझ रहे हैं। उन्हें कीमोथेरेपी के लिए चिकित्सक के पास जाना था, लेकिन सुनवाई की वजह से वे नहीं जा सके। इस पर जज ने उन्हें कीमोथेरेपी कराने की इजाजत देते हुए कहा कि वे कीमोथेरेपी कराने के बाद दोबारा अदालत में हाजिर हो जाए। दोबारा हाजिर होने के बाद जेल अदालत ने इनकी अर्जी खारिज करते हुए जेल भेजने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद इन तीनों को जेल पहुंचा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त ने 3 नवंबर 2012 को गांधी के भोपाल और इंदौर स्थित ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमार कार्रवाई में 25 करोड़ रुपए की संपत्ति की जानकारी मिली थी। इस दौरान लोकायुक्त को गांधी के इंदौर, भोपाल, सागर के बंडा में मकान, प्लॉट समेत मनाली में रिसॉर्ट होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर करोड़ों का निवेश किया