इंदौर। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस का फैसला आने वाला है इसे लेकर पुलिस प्रशासन सर्तक है। शहर की शांति को जिन लोगों से खतरा है ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा बांड ओवर की कार्रवाई की जा रही है। इंदौर नगर निगम की महापौर मालिनी गौड के भतीजे और भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष विवेक सिंह के खिलाफ भी बांड ओवर करवाया गया है। सामान्यतः पुलिस आपराधिक प्रवृति के व्यक्तियों के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई करती है।

अयोध्या केस में फैसला आने के बाद जिन लोगों से शहर की शांति को खतरा हो सकता है उन लोगों के खिलाफ छत्रीपुरा पुलिस द्वारा बांड ओवर की कार्रवाई की गई है। इनमें विवेक गौड भी शामिल हैं जो महापौर के भतीजे हैं और इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-4 के भाजयुमो मंडल अध्यक्ष भी है। विवेक के खिलाफ भी एसडीएम कोर्ट से आदेश जारी हुआ है।

आदेश में कहा गया है कि थाना प्रभारी द्वारा पेश इस्तागासे में यह बताया गया है कि अनावेदक के कार्यों से शांति भंग होने की पूरी संभावना उत्पन्न हो गई है। इसे रोकने के उद्देश्य से तुरंत कार्रवाई की जाना आवश्यक है। पुलिस ने धारा 116(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत बंध-पत्र जारी करवाने का आग्रह किया है। इसलिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 111 के तहत आदेश जारी कर निर्देश दिए जाते हैं कि 6 माह तक शांति बनाए रखने के लिए 20 हजार रुपए का बंध-पत्रा और इतनी ही राशि के एक या दो प्रतिभूति राशि की जमानत निष्पादित कराई जाए।

पुलिस द्वारा अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के खिलाफ बांड ओवर जारी करवाया जाता है। पुलिस को लगता है कि ऐसे लोग क्षेत्र की शांति को प्रभावित कर सकते है जिससे क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो सकता है। बांड ओवर के बाद भी यह लोग गडबड करते हैं तो बांड ओवर की राशि जब्त हो जाती है एवं पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज देती है।

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