भोपाल. मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा (BJP) हर वर्ग को लुभाने की कोशिश में जुटी है. उपचुनाव से पहले कर्मचारियों को साधने के लिए शिवराज सरकार सालाना वेतनवृद्धि देने की तैयारी कर रही है. 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय वापस लेने से नाराज कर्मचारियों को तीन फीसदी सालाना वेतनवृद्धि (Pay Raise) देने की तैयारी की जा रही है.
उपचुनाव को देखते हुए कोरोना महामारी के बीच आर्थिक संकट के दौर में भी शिवराज सरकार कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने के लिए बड़ा फैसला ले सकती है. जुलाई 2020 से लगभग 10 लाख कर्मचारियों को सालाना वेतनवृद्धि देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. एक जुलाई से करीब 3 फीसदी के हिसाब से कर्मचारियों को वेतनवृद्धि देने का ऐलान किया जा सकता है. वेतनवृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.
तीन फीसदी के हिसाब से करीब 10 लाख कर्मचारियों को वेतनवृद्धि देने से सरकार पर सालाना 540 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा. प्रदेश में फिलहाल हर साल करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए वेतन भत्तों में खर्च होते हैं. इस हिसाब से सालाना वेतनवृद्धि के बाद जुलाई से मार्च तक इस पर करीब 540 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे.
कोरोना संकट को देखते हुए कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी और अंतिम किस्त का एरियर देने पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा दी थी. इससे पहले 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी निर्णय वापस ले लिया गया था. इस पर कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन अब उपचुनाव से पहले भाजपा किसी भी तरह से कर्मचारियों की इस नाराजगी को दूर करना चाहती है. यही वजह है कि वेतनवृद्धि के जरिए नाराज कर्मचारियों को खुश करने की कवायद हो रही है.