उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन के जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स के निधन के बाद उनकी फायनल राशि निकलवाने के लिए उनके कैंसर पीड़ित पति चक्कर लगा रहे थे। जिला अस्पताल के लिपिक तेजकरण परमार ने साढ़े 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बीमारी के चलते पति काे चलने में परेशानी है। इसके चलते उनके दाेस्त ने राशि निकलवाने की प्रक्रिया शुरू की अाैर साेमवार काे लिपिक काे लाेकायुक्त से पकड़वा दिया।

जिला अस्पताल में रही स्टाफ नर्स पुष्पा राठाैर का 7 अप्रैल 2019 काे निधन हाे गया था। इसके बाद उनकी फाइनल देय राशि पति राजीव एलेक्जेंडर काे मिलना है, जिसके लिए अस्पताल के लिपिक तेजकरण परमार ने रिश्वत के रूप में 3 लाख 50 हजार रुपए की मांग की। राजीव काे कैंसर हाेने से राशि निकलवाने का काम दाेस्त अानंदसिंह निवासी राधागंज देख रहे थे। लिपिक ने रिश्वत के रूप में राशि मांगी ताे अानंद ने इसकी शिकायत लाेकायुक्त उज्जैन काे कर दी। लाेकायुक्त ने साेमवार काे लिपिक काे पैसा देते समय पकड़ने का प्लान तैयार किया। अानंद लिपिक काे 1 लाख रु. देने के लिए 500-500 के नाेट लेकर कृषि उपज मंडी के पास वाले रास्ते पर पहुंचा। मंडी के साइड वाले सांची पाइंट के पास अाराेपी लिपिक परमार ने जैसे ही अानंद के हाथ से रुपए लिए वैसे ही टीम ने रंगे हाथ दबाेच लिया। अाराेपी काे टीम पकड़कर पास ही नवीन ट्रेडर्स पर ले गए, जहां पर अाराेपी के हाथ धुलाए ताे रंग गुलाबी हाे गया।

रात करीब पाैने 8 बजे लिपिक काे लाेकायुक्त के डीएसपी शर्मा, निरीक्षक राजेंद्र शर्मा, अादर्श शर्मा ने टीम के साथ अाराेपी काे पकड़ा। अाराेपी जिस कार से अाया था उसे भी जब्त कर लिया गया। रिश्वत में लाखाें रु. की मांग करने पर रात में टीम अाराेपी के अर्जुन नगर स्थित घर पर पहुंची, जहां पर देर रात 10.30 बजे तक सर्चिंग चलती रही। इस दाैरान घर में टीम काे अन्य काेई दस्तावेज नहीं मिले। अाराेपी काे 41 सीअारपीसी के तहत नाेटिस देकर बांडअाेवर कर लिया है। 27 दिसंबर काे उज्जैन लाेकायुक्त में पेश हाेने का कहा गया है।

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