ग्वालियर। भिण्ड जिले के लहार विकास खण्ड में अबैध रेत उत्खनन रोकने के दौरान लहार के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) राजेश राठौड पर जानलेवा हमला करने के आरोपियों को लहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश पीके शर्मा ने कल भाजपा के पूर्व विधायक रसालसिंह के भाई योगेन्द्र सिंह सहित 6 आरोपियों को 5-5 साल की सजा और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना किया है। सजा सुनाए जाने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में चार आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने के कारण बरी किया गया है।
लहार के अतिरिक्त लोक अभियोजक सुधीर पिहानी ने बताया कि 11 जून 2014 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजेश राठौड ने लिखित रिपोर्ट लहार थाने में दर्ज कराई थी कि उन्हें भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह का उनके मोबाईल पर फोन आया था कि मडोरी, धोर और पर्रायच रेत खदान पर अबैध उत्खनन किया जा रहा है। पूर्व विधायक रसालसिंह की सूचना पर वह अपने अधीनस्थ नायब तहसीलदार नवीन भारद्वाज, आरआई रामसेवक मांझी, पटवारी जुबैद मोहम्मद कुर्रेशी, सुरक्षा गार्ड विनोद शर्मा व लहार थाने से पुलिसबल को लेकर कार्यवाही के लिए रेत खदान पर गए। जहां उन्होंने रेत से भरी गाडियों को पकडकर लहार थाने पहुचाया। सारी कार्यवाही कर जब वह पूरी टीम के साथ वापस आ रहे थे तभी मडोरी गांव व मेहरा मोड पर एक कार व दो बाइकों पर सवार हथियारबंद लोगों ने उनकी गाडी को ओवरटेक कर मेरी गाडी को रुकवा लिया। कार में सवार आरोपी योगेन्द्र सिंह, उनका पुत्र संजीव सिंह अपने साथियों के साथ उतरे। सभी हथियारबंद लोगों ने पहले आरआई और पटवारी को गाडी से बाहर खींच लिया और मारपीट शुरु कर दी। आरोपियों ने एसडीएम राजेश राठौड को भी गाडी से खींच कर गोली मारने की कोशिश की। स्थिति को भापते हुए गाडी का चालक गाडी भगा ले गया तभी आरोपियों ने पीछे से गोलिया चलाई जिसमें एसडीएम बाल-बाल बच गए।
इस मामले में लहार पुलिस ने एसडीएम राजेश राठौड की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान लहार न्यायालय में पेश किया। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पीके शर्मा ने साक्ष्य व सबूतों के आधार पर आरोपी भाजपा के पूर्व विधायक रसालसिंह के भाई योगेन्द्र सिंह, भतीजा संजीव सिंह, भूपेन्द्र सिंह राजपूत, कपिल सिंह, शिवेन्द्र सिंह, रामपाल सिंह को दोषी माना और सभी को 5-5 साल की सजा व 50-50 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगाया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पडेगी। इस मामले में शिवकुमारसिंह, कुंवर साहब, सुनील दोहलिया, दीपेन्द्र सिंह को दोष मुक्त कर दिया है।

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