छतरपुर ! बेटी के साथ बलात्कार और नवजात नातिन को जिंदा मारने के मामले में आरोपी कलयुगी पिता को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने पीडि़त पुत्री को तनूजा नाम दिया।
वकील लखन राजपूत ने बताया कि पुलिस थाना गढ़ीमलहरा में 28 फरवरी 2016 को दोपहर 2 बजे सूचना मिली कि ग्राम उर्दमऊ के तालाब में एक 6-7 माह के नवाजात शिशु का शव पड़ा हुआ है। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया। विवेचना के दौरान पुलिस को पीडि़ता ने बताया कि उसकी मां की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी, वह पिता के साथ गांव में रहती थी जो शराब पीने का आदि था, पिछले वर्ष पिता ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद वो मुझे दिल्ली ले गया। वहां जींद गांव में वह दुष्कर्म करता रहा, उसके मना करने पर पिता मारपीट करता था। जब मैं गर्भवती हो गई तो पिता उसे फिर से उर्दमऊ ले आया और उसका गर्भ गिराने के लिए उसे दवा खिलाई। जिससे मेरा गर्भपात हुआ और मैंने एक बच्ची का जन्म दिया, पिता ने नवजात को कपड़े में लपेट कर गांव के मटिया वाले तालाब में फेंक कर मार डाला।
प्रयोगशाला में हुआ मिलान : आरोपी पिता का डीएनए परीक्षण कराया गया, चिकित्सा विज्ञान प्रयोगशाला सागर में आरोपी का डीएनए का मिलान हुआ। जिसमें आरोपी पिता के द्वारा पीडि़ता सगी पुत्री के साथ घटना को अंजाम देना प्रमाणित हुआ। सत्र न्यायाधीश भारत भूषण श्रीवास्वत की अदालत ने आरोपी कलयुगी पिता को पीडि़त पुत्री तनूजा के साथ दुष्कर्म करने का दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 में आरोपी के जीवन के अंतिम दिन तक कठोर कैद की सजा दी। इसके साथ ही तनूजा का गर्भपात कराकर नवजात शिशु की हत्या करने के अपराध में आईपीसी की धारा 302 के तहत मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है।

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