भोपाल.मध्य प्रदेश (MP) में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में बागियों और भितरघातियों को कांग्रेस (Congress) टिकट नहीं देगी. ये वो लोग होंगे जिन्होंने हाल ही में प्रदेश में हुए 28 सीटों के विधान सभा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ भितरघात किया था. भोपाल में आज पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक की मौजूदगी में हुई पीसीसी की बैठक में ये फैसला लिया गया.

नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बागी चेहरों की नो एंट्री कर दी है.वो सारे बागी और भितरघाती जिन्होंने पिछले किसी भी चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ झंडा उठाकर बगावत की थी या भितरघात किया था. पार्टी अब ऐसे किसी भी कैंडिडेट को टिकट नहीं देगी जिन्होंने कांग्रेस से बगावत कर दूसरी पार्टी या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. भोपाल में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी के सिलसिले में आज हुई बैठक में ये फैसला किया गया.

लोकल और सिंगल नाम पर ज़ोर
पीसीसी दफ्तर में प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और सह प्रभारी सुधांशु त्रिपाठी ने नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में बैठक की. इसमें भोपाल, सीहोर और रायसेन के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं से निकाय चुनाव को लेकर चर्चा हुई. बैठक में निकाय चुनाव के लिए स्थानीय स्तर पर सिंगल नाम तय करने पर जोर दिया गया. जिस नाम पर ज़िला समिति की मुहर लगेगी उसे पार्टी अपना उम्मीदवार घोषित करेगी. जिस नाम पर समिति के सदस्यों की असहमति होगी उस पर फैसला पीसीसी करेगी.

विकास और महंगाई होगा मुद्दा
बैठक में मुकुल वासनिक ने भोपाल निकाय चुनाव के संबंध में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक आरिफ मसूद सहित समिति के सदस्यों से भी चर्चा की. पी सी शर्मा ने कहा निकाय चुनाव में पार्टी का फोकस शहरी विकास के मुद्दों पर होगा. भाजपा शासित नगर निगम में कहीं भी विकास नहीं हुआ. महंगाई के साथ शहरी विकास का मुद्दा नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी का बड़ा मुद्दा होगा.

दिल्ली का दखल
प्रदेश में नगरी निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी भले ना हुआ हो, लेकिन नगरों की सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने अभी से जोर लगाना शुरू कर दिया है. चुनाव कांग्रेस के लिए कितने महत्वपूर्ण है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक खुद बैठके कर रहे हैं. मुकुल वासनिक अगले 4 दिन तक भोपाल, सागर, जबलपुर और रीवा का दौरा कर नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी का जायज़ा लेंगे. 2023 के चुनाव से पहले नगरीय निकाय चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. यही कारण है कि कांग्रेस में नगरीय निकाय चुनाव के लिए लेकर दिल्ली का दखल दिखाई दे रहा है.

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