इंदौर। इंदौर में शनिवार को कांग्रेस नेताओं के सामने घुटने के बल बैठकर बात करना एसडीएम राकेश शर्मा व सीएसपी डीके तिवारी को भारी पड़ गया। राज्य सरकार ने दोनों को ताबड़तोड़ आज रात इंदौर से हटा दिया।

उल्लेखनीय है कि आज दिन में ही कलेक्टर मनीष सिंह ने एसडीएम राकेश शर्मा को उक्त मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कलेक्टर सिंह ने कहा था कि आज राजबाड़ा में बिना अनुमति धरना दे रहे जन प्रतिनिधियों के समक्ष जिस स्वरूप में एसडीएम द्वारा जाकर चर्चा की गई है वह एक कार्यपालक मजिस्ट्रेट की पदीय गरिमा एवं प्रशासनिक अनुशासन और आचरण के अनुरूप नहीं है। उनके इस कृत्य से प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।

कलेक्टर सिंह ने इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा है कि क्यों न एक मजिस्ट्रेट की मर्यादा के विरुद्ध किए गए इस कृत्य के कारण संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।



उल्लेखनीय हैं कि कल राशन बांटने की घटना में सोशयल डिस्टनसिंग की उड़ी धज्जियों को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और साथियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर आज देवी अहिल्या प्रतिमा राजवाड़ा पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और अध्यक्ष विनय बाकलीवाल धरने पर बैठे थे। इसी दौरान उनसे चर्चा करने उक्त एसडीएम व सीएसपी व कुछ पुलिस अधिकारी पहुँचे थे।

चर्चा समय एसडीएम व सीएसपी घुटने के बल बैठे फोटो सोशयल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम शर्मा को उक्त नोटिस जारी किया था।

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