भोपाल ! प्रदेश में अवर्षा की स्थिति का सामना कर रहे किसानों को राहत देने के उद्देश्य से राज्य शासन ने आज एक और बड़ा फैसला लिया। अब फैसले के अनुसार इस साल रबी मौसम में सिंचाई के लिये अस्थाई कनेक्शन देने के लिये 3 माह के विद्युत देयक की अग्रिम राशि जमा करवाने के स्थान पर अब 2 माह के विद्युत देयक की राशि अग्रिम जमा करवाने पर किसान को अस्थाई कनेक्शन दिया जायेगा। इस फैसले से करीब 6 लाख किसान को करीब 180 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
प्रदेश में पूर्व में किसानों को सिंचाई के अस्थाई कनेक्शन लेने के लिये 3 माह के विद्युत देयक राशि अनिवार्य रूप से जमा करवाये जाने का प्रावधान था। किसान द्वारा अस्थाई कनेक्शन कटवाने पर अग्रिम भुगतान के विरुद्ध वास्तविक बिजली उपयोग की राशि का समायोजन करते हुए राशि लौटायी जाती थी।
प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में 5 हार्स-पॉवर के कृषि पम्प के अस्थाई कनेक्शन जुड़वाने के लिये पहले किसान को विद्युत कम्पनी में 8,770 रुपये जमा करने होते थे। इस फैसले के बाद अब किसान मात्र 5,847 रुपये जमा करने पर अस्थाई कनेक्शन ले सकेगा। इस प्रकार प्रति किसान एक अस्थाई कनेक्शन पर 3000 रुपये की बचत होगी। विद्युत वितरण कम्पनियों को अपने कार्यक्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिये नये फैसले के अनुरूप अस्थाई कनेक्शन दिये जाने के लिये प्राथमिकता के साथ कार्य करने के निर्देश ऊर्जा विभाग ने दे दिये हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में किसानों को राहत देने के लिये पिछले दिनों अवर्षा की स्थिति की समीक्षा की गयी थी। इसी तारतम्य में किसानों को राहत देने के लिये फैसले लिये जा रहे हैं।
27 और तहसीलें सूखा प्रभावित घोषित
राज्य शासन ने प्रदेश के आज 7 जिलों की 27 तहसील को सूखा प्रभावित घोषित किया है।राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश में सतना जिले की रघुराजनगर, मझगवां, बिरसिंहपुर, रामपुर बघेलान, कोटर, नागौद, अमरपाटन, रामनगर, उचेहरा और मैहर तहसील, झाबुआ जिले की झाबुआ, रानापुर, मेघनगर और थांदला तहसील,मुरैना जिले की पोरसा, अम्बाह,मुरैना,जौरा,कैलारस और सबलगढ़ तहसील, शिवपुरी जिले की शिवपुरी और करेरा तहसील, डिण्डोरी जिले की डिण्डोरी, बजाग और शहपुरा तहसील, सीधी जिले की बहरी और मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ तहसील को सूखा प्रभावित घोषित किया गया। आज घोषित सूखा प्रभावित तहसीलों को मिलाकर प्रदेश में कुल 23 जिलों की 141 तहसील सूखाग्रस्त घोषित की जा चुकी हैं। इसके पहले 23 सितम्बर को 5 जिलों की 32 तहसील और फिर 9 अक्टूबर को 11 जिलों की 82 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की गयी थीं।