भोपाल ! केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने कहा है, कि केम्पा से मध्य प्रदेश को लगभग 27 सौ करोड़ रुपए मिलेंगे। श्री दवे आज यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि संसद के पिछले सत्र में सौ से अधिक विधेयक पारित हुए, जिनमें केम्पा और जीएसटी बिल सबसे महत्वपूर्ण हैं। जिसे पक्ष और विपक्ष द्वारा ध्वनिमत से पारित किया गया।
पिछले आठ सालों से केम्पा के 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बैंकों में पड़े हुए थे, जो वन क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार को प्राप्त हुये थे। उन्होंने कहा कि बिल पारित होने से वनीकरण के लिए राज्यों को उसके हिस्से का 90 प्रतिशत पैसा लौट जाएगा। केम्पा से सभी को फायदा होगा। इसकी राशि खर्च करने के नियम बनेंगे, उसी के अनुसार खर्च किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि केम्पा के संबंध में जो काम तीन जे (जयराम रमेश, जयंती नटराजन, प्रकाश जावड़ेकर) नहीं कर पाए, वह एक ए (अनिल माधव दवे) ने कर दिया, तो उसके उत्तर में श्री दवे ने कहा कि किसी भी विधेयक की एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने सभी दलों से चर्चा की और उनकी व्यावहारिक चीजों को स्वीकार किया। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया।
श्री दवे ने कहा कि वर्तमान वन कानून पर्याप्त नहीं है, यह अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए बनाया था। समयानुसार उसमें परिवर्तन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जंगल रोजगार का बड़ा साधन हैं। वन कटाई के साथ ही अवैध उत्खनन रोकने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रबंधन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, कि इन दोनों विषयों पर समस्तीकरण की जरूरत है। एक सवाल के जवाब में श्री दवे ने कहा, कि नदियों के अंदर से रेत का दोहन एक निश्चित मात्रा में जरूरी है, किन्तु अवैध खनन बंद होना चाहिये यह राज्य का विषय है।

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