मोबाईल फोन और बैंक खातों को फिर से आधार से जोड़ने की सुविधा होगी। हालांकि, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसके लिए दो कानूनों बैंकिंग एक्ट एवं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में संशोधन के मसौदे को मंजूरी दी।
सुप्रीम कोर्ट ने ने हाल में आधार पर दिए फैसले में आधार एक्ट की धारा 57 के तहत मोबाइल और बैंक खाते के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। इन दो कानूनों में बदलाव करके अब इस कानूनी कमी को दूर किया जाएगा।
सरकार ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाद हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है। लेकिन यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। मोबाईल फोन और बैंक खाते के लिए आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। इसके अलावा आधार ऐक्ट में भी दो बदलाव किए हैं। पहला 18 साल की उम्र में लोगों को आधार छोड़ने का विकल्प दिया जाएगा। दूसरा, आधार की वजह से किसी सेवा से इनकार करने की मनाही होगी। ऐसा करने वाले के लिए दंड का प्रावधान होगा। सरकार की कोशिश इसी सत्र में संबंधित विधेयक लाने की होगी।

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