ग्वालियर। जिला कलेक्टर इलैया राजा टी के निर्देश पर खाद्य एवं औषधि विभाग, जिा प्रशासन, नापतौल विभाग व पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रुप से मिलावटी दूध, मावा, घी बनाने वाले कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए कल छापामार कार्यवाही के दौरान एक दूध डेयरी पर भारी मात्रा में कैमिकल से बनाया गया दूध, रिफाइण्ड के 200 खाली कंटेनर, रिफाइण्ड के 4 भरे हुए कंटेनर, 15 लीटर हाईट्रोजन परऑक्साइड, एक बोतल लिक्वड डिटर्जेंट, एक ड्रम लिक्वड ग्लूकोज, 100 लीटर कैमिकल, और दूध मथने वाली मशीन को जप्त किया गया है। मौके पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं. राकेश शर्मा व तहसीलदार आरए प्रजापति ने कृत्रिम दूध बनाने वाली डेयरी को सील कर दिया है। बाद में भिण्ड के ओझा नगर में स्थित लक्ष्मी दूध डेयरी पर सैंपल लिए गए। इन सभी सैंपलों को भोपाल की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं. राकेश शर्मा ने बताया कि भिण्ड के उदोतपुरा गांव में संचालित भानू नरवरिया की डेयरी पर छापामार कार्यवाही की गई। छापे की टीम को देखकर डेयरी का संचालक भानू नरवरिया अपने यहां काम करने वाले अमले के साथ भाग गया। डेयरी की जब सघन जांच की गई तो भारी मात्रा में कैमिकल से दूध बनाने की साम्रगी जप्त की गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं शिशुरोग विशेषज्ञ डॉं. राकेश शर्मा ने बताया कि छापामार कार्यवाही के दौरान को कृत्रिम दूध बनाने की साम्रगी पकडी गई है अगर उससे बनाया गया दूध बाजार में सप्लाई किया जाता है तो इस दूध को सेवन करने वाला व्यक्ति कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार भी हो सकता है। यही दूध बच्चे सेवन करेंगे तो वह विकलांग व आंख की रोशनी भी खो सकते है। उनका मानसिक विकास भी रुक सकता है।
जिला कलेक्टर इलैया राजा टी ने बताया कि भिण्ड जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) व संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कैमिकल से तैयार किए जा रहे दूध, मावा, घी तथा अन्य साम्रगी के कारोबारियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाऐं। उन्होंने दीपावली पर बिकने वाली मिठाईओं पर भी नजर रखने के निर्देश दिए है।

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