इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में भूमाफियाओं पर कार्रवाई के बाद अब जिला प्रशासन ने को-ऑपरेटिव सोसायटियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। प्रशासन ऐसी सोसायटियों पर कार्रवाई कर दस्तावेज जब्त कर रही है, जहां बडी मात्रा में जमीन से जुडी गडबडियां हुई हैं। सोमवार को कलेक्टर के आदेश पर रेवेन्यू, पुलिस और को-ऑपरेटिव की टीम ने संयुक्त रूप से कई जगह सोसायटियों पर दबिश दी और यहां से दस्तोवज जब्त किए।

कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि लगातार पीडित शिकायत कर रहे थे कि रुपए ले लिए, लेकिन किसी की रजिस्ट्री नहीं हुई तो रजिस्ट्री करवा दी, लेकिन प्लॉट नहीं दिया। जमीन से जुडे ऐसे अन्य कई मामले सामने आए, जिसके बाद रेवेन्यू, पुलिस और को-ऑपरेटिव की एक संयुक्त टीम बनाई, जो सोमवार को सोसायटियों में गई और वहां मौजूद दस्तावेजों को जब्त किया। हमारा यह प्रयास है कि लोगों को जल्द से जल्द राहत मिले। 18 टीमें करीब 22 जगहों पर कार्रवाई कर दस्तावेज जब्त करेंगे। हमारे द्वारा तैयार लिस्ट में उन सभी सोसायटियों को रखा गया है, जहां बडे पैमाने पर फ्रॉड हुआ है। इन दस्तावेजों को जब्त कर हम दो से तीन जगह अलग-अलग रखने का प्रयास कर रहे हैं।

जांच टीम ने बताया कि कॉ-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ गडबडी को लेकर कई शिकायतें मिली थीं। इस पर एक टीम आकाश गृह निर्माण सोसायटी पर पहुंची। इसके रिसीवर सीनियर को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर सुनील जोशी हैं। जोशी के अनुसार पूर्व अध्यक्ष ने उन्हें पूरे रिकॉर्ड नहीं सौंपे। कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए। इस पर जोशी हमें पूर्व अध्यक्ष के घर पर लेकर गए। यहां पर छानबीन में सोयायटी के दस्तावेज मिले हैं। आकाश के अलावा अन्य छह सोसायटियों के दस्तावेज भी मिले हैं। रिकॉर्ड की जानकारी निकाली जा रही है। पंचनामा बनाकर जब्त की कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी अनुसार जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई 18 टीमें इस काम में जुटी हैं। ये शहर की सोयायटियों में दबिश देकर गडबडियों की जानकारी जुटाएंगी। बताया जा रहा है कि प्रशासन को इस संबंध में 300 से ज्यादा शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उन्हें जल्द से जल्द राहत देने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है।

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