ग्वालियर। शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भिण्ड शहर को देश के सर्वाधिक गंदे शहरों की सूची में शामिल किए जाने के बाद नगरपालिका के खिलाफ शहरवासियों की नाराजगी बढने लगी है। नगरपालिका की नेता प्रतिपक्ष आशा जैन एवं कांग्रेस पार्षद मुकेश गर्ग सहित आम लोगों द्वारा नगरपालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी, अध्यक्ष तथा पार्षदों के खिलाफ शहर भर के प्रमुख स्थानों पर एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर बडे-बडे होंर्डिंग्स-बैनर लगवाए गए हैं। इनमें नगरपालिका परिषद और सीएमओ को भिण्ड को सर्वाधिक गंदे शहरों में शामिल कराने के लिए शर्म के साथ धन्यवाद दिया गया है। नगरपालिका की नेता प्रतिपश आशा जैन ने शहर की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार भाजपा सांसद, विधायक और नगरपालिका अध्यक्षा सहित भाजपा पार्षदों से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है। आशा जैन का कहना है कि यह शुरुआत है, विरोध के अगले चरण में नगर की सैकडों महिलाओं द्वारा नगापालिका सीएमओ को साडी और चूडियां भी भेंट की जाएगी।
नगरपालिका की नेता प्रतिपक्ष आशा जैन ने कहा कि भिण्ड जिले में अब तक कुल छह मंत्री रहे। 30 साल से जिले में लगातार भाजपा के सांसद हैं, 15 साल से जिले के अधिकांश विधायक भाजपा से हैं। 10 साल से भिण्ड नगरपालिका पर भी भाजपा का ही कब्जा है। शहर में व्याप्त गंदगी के लिए भाजपा जिम्मेदार है। 10 साल से नगरपालिका सीएमओ पर करोडों के भ्रष्टाचार के आरोप है। भाजपा सांसद व विधायक की भी शहर को स्वच्छ बनाने में रुचि नहीं है। राष्ट्रीय सर्वें में शहर को सर्वाधिक गंदे शहरों की सूची में शामिल का दर्जा मिलने पर भाजपा शासित परिषद तथा भाजपा सांसद व विधायक जिम्मेदार हैं। शहरवासियों को नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर करने वाले इन जनप्रतिनिधियों को नैतिकता के आधार पर अपने इस्तीफे सौंप देने चाहिए।
अकेले भिण्ड ही नहीं, जिले की गोहद नगरपालिका सहित मेहगांव, गोरमी, मौ, आलमपुर, दबोह, लहार, मिहोना, फूप और अकोडा आदि सभी 11 नगरीय निकायों में किसी के भी पास कचरे के निवटान के लिए जरुरी टेªचिंग ग्राउण्ड नहीं है। टेªचिंग ग्राउण्ड आबादी से दूर बनाया जाता है, ताकि कचरे के प्रदूषण व संडास तथा विनष्टीकरण से निकलने वाले धुंए आदि के दुष्प्रभाव से शहरवासी बचें रहें। नगरीय प्रशासन विभाग के सभी निकायों को कचरा प्रबंधन (सोलिड बेस्ट मैनेजमेंट) के तत्काल इंतजाम करने के निर्देश है, पर नगरीय निकायें इसे अनदेखा किए हुए है।
नगर के प्रबुद्ध नागरिकों की तानें तो शहर के बदतर हालात के लिए नगरपालिका का भ्रष्टाचार प्रमुख रुप से जिम्मेदार है। भ्रष्टाचार की मानसिकता के कारण ही नगापालिका कचरा प्रबंधन के लिए पांच साल पहले से रछेडी गांव में मंजूर शुदा टेªचिंग ग्राउण्ड व कचरे की रीयाकलिंग का प्लांट आज तक शुरु नहीं करा पाई है। सरकार ने इसके लिए कई बार करोडों रुपए की बजट राशि मिल चुकी है, पर नगरपालिका की लापरवाही से यह राशि अनुपयोगी पडी हुई है।

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