जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद के कारण सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. राज्य में बिगड़ते सियासी हालात को देखते हुए कांग्रेस की आलाकमान ने पार्टी के तीन नेताओं को जयपुर भेजने का फैसला किया है. वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री रविवार रात पार्टी के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं. सोमवार सुबह 10.30 कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है. सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट शामिल नहीं होंगे. पायलट खेमे की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनके समर्थन में 30 विधायक हैं. इधर, गहलोत खेमे ने 100 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं, बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि वो सचिन पायलट के संपर्क में नहीं है. ये कांग्रेस का आंतरिक मामला है.


सूत्रों के मुताबकि, कल सुबह होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले आज देर रात सचिन पायलट के खेमे के विधायक अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज सकते हैं.


इससे पहले सचिन पायलट के दोस्त दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारी आस्था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में है. हम लोग दिल्ली अपने व्यक्तिगत काम से गए थे. तीनों ने कहा कि सचिन पायलट से पिछले दो दिनों में हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है. इसे अशोक गहलोत की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है क्योंकि यह तीनों विधायक सचिन पायलट के दोस्त हैं. वहीं, सरकार पर लटकती तलवार को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे को जयपुर जाने के लिए कहा है. तीनों नेता कांग्रेस विधायकों से बात करेंगे. अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे रविवार रात जयपुर के लिए रवाना होंगे.


उधर, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सचिन पायलट को रिझाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को दरकिनार किए जाने से मैं दुखी हूं. ये दिखाता है कि कांग्रेस में काबिलियत और क्षमता की कोई अहमियत नहीं है. माना जा रहा है कि सिंधिया पुराने दोस्त सचिन पायलट को अपने पाले में लाने की जुगत में हैं.


गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि राजस्थान में हार्स ट्रेडिंग जारी है. उन्होंने अपने उन विधायकों को चेताया, जिन्हें बीजेपी से फोन आ रहे हैं. खेल मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में जो सियासी नाटक चला, उससे कांग्रेस के विधायकों सीखना चाहिए. मध्य प्रदेश में जिन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी, उन्हें चार महीनों के लिए दरकिनार कर दिया गया था. अब जब उपचुनाव नजदीक है तो उन्हें मंत्री बनाया गया. पार्टी छोड़ने के बाद उनकी क्या दुर्गति हुई, उससे राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को सीखने की जरूरत है.


राजस्थान में कांग्रेस के संकट पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने चिंता जताई. सिब्बल ने कहा कि हम कब जागेंगे? उन्होंने कहा कि क्या हम तब जागेंगे जब हमारे घोड़े अस्तबल से निकल चुके होंगे.


बता दें कि विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की तरफ से डिप्टी सीएम सचिन पायलट को नोटिस भेजे जाने को लेकर उनके खेमे में नाराजगी है. पायलट खेमे का कहना है कि डिप्टी सीएम से पूछताछ के लिए एसओजी का नोटिस स्वीकार्य नहीं है. आरोप है कि गहलोत खेमा सचिन पायलट को बदनाम करना चाहता है. हालांकि इस मसले को लेकर सीएम गहलोत ने सफाई दे दी थी.

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